नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी लो-कॉस्ट एयरलाइन इंडिगो को पायलट और क्रू मेंबर्स की कमी के कारण बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। गुरुवार को एयरलाइन को देशभर में 200 से ज्यादा उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। इसके असर से कंपनी के शेयरों में तीन फीसदी से अधिक की गिरावट देखी गई, जिससे इंडिगो की मार्केट वैल्यू में 7,160 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।

शेयरों में बड़ी गिरावट

बीएसई के आंकड़ों के अनुसार इंडिगो का शेयर कारोबारी सत्र के दौरान 3.30 फीसदी गिरकर 5,407.30 रुपए पर बंद हुआ। एक दिन पहले यह 5,592.50 रुपए पर था। अगस्त 2024 में कंपनी का शेयर 6,225.05 रुपए पर 52 हफ्तों के उच्चतम स्तर पर पहुंच चुका था। तब से अब तक शेयर में 13 फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है।

चालक दल की कमी और उड़ानों का रद्द होना

गुरुग्राम स्थित एयरलाइन को अपने पायलटों और क्रू मेंबर्स के लिए नए फ्लाइट ड्यूटी और आराम अवधि नियमों के कारण पर्याप्त चालक दल उपलब्ध कराने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। इसी वजह से इंडिगो ने गुरुवार को मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु सहित कई शहरों से उड़ानें रद्द कीं।

  • मुंबई: 86 उड़ानें रद्द (41 आगमन, 45 प्रस्थान)

  • बेंगलुरु: 73 उड़ानें रद्द (41 आगमन सहित)

  • दिल्ली: 33 उड़ानें रद्द

सूत्रों के अनुसार दिन बढ़ने के साथ रद्द होने वाली उड़ानों की संख्या और बढ़ने की संभावना है।

ऑन-टाइम परफॉर्मेंस में गिरावट

इंडिगो की ऑन-टाइम परफॉर्मेंस (OTP) छह प्रमुख हवाई अड्डों—दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु और हैदराबाद—पर 3 दिसंबर को केवल 19.7 प्रतिशत रही, जो 2 दिसंबर के 35 प्रतिशत के आंकड़े से काफी कम है। एयरलाइन को एफडीटीएल (फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट) नियमों के नए चरण लागू होने के बाद से चालक दल की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। इससे सभी हवाई अड्डों पर उड़ानें रद्द हो रही हैं और परिचालन में देरी बढ़ रही है।

निवेशकों और बाजार पर असर

उड़ान रद्द होने और परिचालन पर दबाव के कारण शेयर बाजार में इंडिगो की वैल्यूएशन में भारी गिरावट आई है। जानकारों का मानना है कि जब तक एयरलाइन के ऑपरेशन में सुधार नहीं होता, शेयरों पर दबाव बना रहेगा।