मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। मंगलवार को उच्चतम न्यायालय ने RIL की 'प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण' (SAT) के आदेश के खिलाफ अपील खारिज कर दी। SAT ने फेसबुक-रिलायंस जियो डील से जुड़ी जानकारी समय पर साझा न करने के कारण RIL के दो अनुपालन अधिकारियों पर लगाए गए 30 लाख रुपये के जुर्माने को बरकरार रखा था। इस फैसले में मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की बेंच शामिल थी।
CJI बेंच का तर्क
सुप्रीम कोर्ट ने SAT के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए SEBI के निष्कर्षों को सही माना। बेंच ने कहा कि RIL और उसके अधिकारी हाई-प्रोफाइल हिस्सेदारी सौदे से संबंधित अप्रकाशित मूल्य-संवेदनशील जानकारी (UPSI) का तुरंत खुलासा करने में विफल रहे।
मामले का इतिहास
SEBI ने 20 जून, 2022 को आदेश दिया था कि RIL और उसके दो अधिकारी — सावित्री पारेख और के. सेथुरमन — इनसाइडर ट्रेडिंग निषेध विनियम 2015 के उल्लंघन के लिए 30 लाख रुपये का जुर्माना भुगतें। SEBI के अनुसार, फेसबुक का जियो में निवेश प्रस्ताव 2019 के अंत और 2020 की शुरुआत में चर्चा में था। हालांकि मीडिया में यह जानकारी 24 मार्च, 2020 को प्रकाशित हुई, जिससे RIL के शेयरों में तेजी आई।
RIL ने दावा किया कि उस समय SEBI के विनियम 30(11) के तहत मीडिया अफवाहों की पुष्टि करने की अनिवार्यता नहीं थी। इसके बावजूद, SAT ने 2 मई, 2025 को RIL की चुनौती खारिज करते हुए SEBI के जुर्माने को कायम रखा।