सोशल मीडिया पर नाम से फैला भ्रम, हाई कोर्ट ने सोनू निगम को दी राहत

प्रसिद्ध गायक सोनू निगम, जिनकी मधुर आवाज ने वर्षों से लोगों के दिलों में जगह बनाई है, हाल के महीनों में एक असमंजसपूर्ण स्थिति का सामना कर रहे थे। दरअसल, बिहार के एक वकील ‘सोनू निगम सिंह’ अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर केवल ‘सोनू निगम’ नाम का उपयोग कर रहे थे, जिससे लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई थी कि ये पोस्टें मशहूर गायक द्वारा की जा रही हैं।

बताया गया कि वकील ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) प्रोफाइल पर गायक की पहचान से मेल खाता नाम इस्तेमाल कर कई विवादित और भ्रामक पोस्ट किए, जिनमें कुछ सामाजिक और सांप्रदायिक मुद्दों से जुड़े थे। इस कारण सोनू निगम को ऑनलाइन आलोचनाओं और नफरत भरे संदेशों का सामना करना पड़ा।

नाम को लेकर कोर्ट पहुंचा मामला

सोनू निगम ने इस मुद्दे को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उनके वकील हीरेन कामोद ने कोर्ट में बताया कि वकील जानबूझकर अपनी असली पहचान छुपा रहा था और संवेदनशील विषयों पर टिप्पणी कर रहा था, जिससे लोग भ्रमित हो रहे थे और गायक को अनचाहे विवादों में घसीटा जा रहा था।

भ्रामक पोस्ट और फॉलोअर्स का खेल

वकील पर आरोप है कि उन्होंने विवादास्पद टिप्पणियों के ज़रिए न केवल हजारों फॉलोअर्स बटोर लिए, बल्कि कई मशहूर हस्तियों ने भी उनके अकाउंट को गायक का समझकर फॉलो किया। हाल ही में एक कन्नड़ भाषा विवाद के दौरान उन्होंने भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या को टैग करते हुए विवादस्पद बातें लिखीं, जिससे और भ्रम फैला।

हाईकोर्ट का सख्त रुख

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस आरआई चगला ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए वकील को निर्देश दिया कि वह सोशल मीडिया पर ‘सोनू निगम’ की बजाय अपना पूरा नाम ‘सोनू निगम सिंह’ स्पष्ट रूप से दर्शाएं, ताकि आम लोगों को कोई भ्रम न हो। साथ ही वकील को अपनी पहचान स्पष्ट करने और भ्रामक स्थिति को समाप्त करने के भी निर्देश दिए गए हैं।

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