कन्नड़ फिल्म अभिनेत्री रान्या राव को सोना तस्करी केस में आर्थिक अपराध न्यायालय ने मंगलवार को सशर्त ज़मानत प्रदान कर दी। उनके साथ सह-आरोपी तरुण कोंडुरु राजू को भी जमानत मिली है। कोर्ट ने दोनों को दो-दो जमानती पेश करने और ₹2 लाख का निजी बॉन्ड भरने का निर्देश दिया। इसके अलावा दोनों को देश छोड़ने की अनुमति नहीं होगी और उन्हें जांच में पूरा सहयोग देना होगा।
यह ज़मानत, राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) द्वारा तय समयसीमा में चार्जशीट दाखिल न कर पाने के कारण वैधानिक (डिफॉल्ट) ज़मानत के तहत दी गई है। मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश विश्वनाथ सी. गौड़र ने यह फैसला सुनाया।
जमानत के बावजूद रिहाई नहीं
हालांकि ज़मानत मिलने के बावजूद रान्या राव को फिलहाल जेल में ही रहना होगा, क्योंकि उनके खिलाफ COFEPOSA (विदेशी मुद्रा संरक्षण एवं तस्करी गतिविधियां निवारण अधिनियम, 1974) के तहत भी मामला दर्ज है। यह अधिनियम बिना मुकदमे के एक वर्ष तक हिरासत की अनुमति देता है, यदि किसी पर तस्करी में लिप्त होने का संदेह हो।
3 मार्च को हुई थी गिरफ्तारी
3 मार्च 2025 को दुबई से लौटते समय बेंगलुरु एयरपोर्ट पर रान्या राव को गिरफ्तार किया गया था। राजस्व खुफिया विभाग ने गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई की और उनके पास से 14.2 किलोग्राम सोना बरामद किया गया, जिसकी बाजार कीमत लगभग ₹12.56 करोड़ बताई गई।
दुबई यात्राओं से उठे सवाल
जांच में यह भी सामने आया कि रान्या ने 2023 से 2025 के बीच दुबई के कुल 45 दौरे किए थे, जिससे उनके किसी बड़े तस्करी रैकेट से जुड़े होने की आशंका जताई जा रही है। इसके अलावा, यह जानकारी भी मिली कि उन्होंने अभिनेता और कारोबारी तरुण राजू के साथ मिलकर 2023 में दुबई स्थित वीरा डायमंड्स ट्रेडिंग नाम की कंपनी शुरू की थी।
COFEPOSA पर सुनवाई 3 जून को
रान्या की मां ने COFEPOSA के तहत की गई कार्रवाई को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। इस याचिका पर अगली सुनवाई 3 जून 2025 को तय की गई है। फिलहाल रान्या की रिहाई इस सुनवाई के फैसले पर निर्भर करेगी।