राजेश खन्ना का 70-80 के दशक में इंडस्ट्री में बोलबाला था. उनकी फिल्में तो सुपरहिट होती ही थीं, साथ ही साथ उनका स्टारडम इस कदर था कि लड़कियां एक्टर की दीवानी हुआ करती थीं. लड़कियों के राजेश खन्ना की फोटो से शादी करने और गाड़ी की धूल से मांग भरने जैसे कई किस्से आपने सुने होंगे. लेकिन क्या आपको पता है कि एक बार बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार आधी रात को सड़क पर धरने पर बैठ गए थे. इतना ही नहीं उन्होंने तो कमिश्नर को फोन तक मिला दिया था.

फिल्मों में मिली दमदार सफलता के बाद राजेश खन्ना 1991 में सियासत में अपनी किस्मत आजमाने के लिए दिल्ली पहुंचे थे. राजीव गांधी उनके दोस्त तो थे ही साथ ही राजेश खन्ना का अपना स्टारडम भी था. तभी तो दिल्ली पहुंचते ही उनके पीछे सैकड़ों लोग घिरे रहते थे. इसमें कांग्रेस के कुछ युवा नेता भी हुआ करते थे. राजेश खन्ना दिल्ली में अपनी पहचान कायम करने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहे थे.

बीच सड़क पर धरने पर बैठे राजेश खन्ना

राजेश खन्ना अपनी पब्लिसिटी का कोई मौका नहीं छोड़ते थे. एक बार उनकी जिंदगी में एक ऐसा मौका तब आया जब वो कांग्रेस के कुछ नेताओं के कहने पर दिल्ली के तिलक मार्ग पर बीच सड़क पर आधी रात को धरने पर बैठ गए. काका अपने अड़ियल स्वभाव के लिए भी जाने जाते थे, उनकी जिद थी कि पुलिस कमिश्नर को बुलाया जाए और उनकी बात कराई जाए. शहर में राजेश खन्ना के आने की बात सुनकर तिलक मार्ग पर तो भीषण जाम लग गया. बीबीसी पर छपे एक कॉलम में इस घटना का जिक्र किया गया था. लिखा गया था, “शायद राजेश खन्ना अपने इस फैसले से खुद भी खुश नहीं थे. इसीलिए उन्होंने मेरे कान में कहा, क्या मैं ठीक कर रहा हूं? मैंने कहा नहीं, तब वो सड़क से उठे और सामने तिलक मार्ग के थाने में चले गए.”

आधी रात में काका ने कमिश्नर को लगाया फोन

काका जब दिल्ली आए तो उनके चुनावी क्षेत्र के डीसीपी से भी उनकी ठन गई थी. राजेश खन्ना की जीवनी में वरिष्ठ पत्रकार और लेखक यासिर उस्मान ने इस घटना का जिक्र करते हुए लिखा, “लाजपत नगर क्षेत्र में एक बिल्डिंग गिराई जा रही थी. तब राजेश खन्ना ने डीसीपी को फोन करके कहा कि ये बिल्डिंग उनके किसी परिचित की है तो इसे न गिराया जाए. जब डीसीपी ने जांच की तो पता चला कि बिल्डिंग अवैध है और कार्रवाई सही थी. ऐसे में उन्होंने अपने हाथ खड़े कर दिए. तब राजेश खन्ना डीसीपी पर तो बिगड़े ही, साथ ही साथ रात के करीब 3 बजे उन्होंने पुलिस कमिश्नर को फोन लगा दिया और सबकुछ छोड़कर उस डीसीपी का ट्रांसफर करवाने में जुट गए.