अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव बढ़ गया है। हाल के दिनों में दोनों देशों की सेनाओं के बीच गोलीबारी की घटनाएँ हुईं, जिसमें दोनों पक्ष एक-दूसरे पर हमलों का आरोप लगा रहे हैं। अफगान अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तानी सेना द्वारा सीमा उल्लंघन के जवाब में अफगान बलों ने कार्रवाई की, जिसमें 58 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए। वहीं, पाकिस्तान का दावा है कि इस जवाबी कार्रवाई में 200 से अधिक तालिबान लड़ाके ढेर हुए।

इस बीच, काबुल ने पाकिस्तान के शांति प्रयासों को एक बड़ा झटका दिया है। अफगान अधिकारियों ने पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ, आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल आसिम मलिक और दो अन्य वरिष्ठ जनरलों के वीजा आवेदन खारिज कर दिए। टोलो न्यूज के सूत्रों के मुताबिक, पिछले तीन दिनों में इन अधिकारियों ने अफगानिस्तान यात्रा के लिए आवेदन किया था, लेकिन काबुल ने साफ मना कर दिया।

शनिवार की रात अफगान सेना ने पाकिस्तानी ठिकानों पर हमला किया, जिससे सीमा पर बड़े पैमाने पर झड़पें हुईं। अफगान अधिकारी बताते हैं कि यह कार्रवाई पाकिस्तान के भूमि और हवाई क्षेत्र में लगातार अतिक्रमण के जवाब में की गई। पाकिस्तान ने अपनी ओर से आंकड़े कम बताते हुए कहा कि सीमा पर जवाबी फायरिंग में उसके 23 सैनिक मारे गए और 200 से अधिक तालिबान समर्थक आतंकवादी ढेर हुए।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सऊदी अरब सहित कई देशों ने दोनों पक्षों से संयम बनाए रखने और तनाव कम करने की अपील की है। डूरंड लाइन के नाम से प्रसिद्ध 2,611 किलोमीटर लंबी सीमा पर रविवार के बाद से गोलीबारी की कोई रिपोर्ट नहीं है। अफगान अधिकारियों का कहना है कि दक्षिण-पश्चिमी चमन बॉर्डर क्रॉसिंग व्यापार के लिए फिलहाल बंद है, लेकिन वहां फंसे लगभग 1,500 अफगान नागरिकों को पैदल वापसी की अनुमति दे दी गई है।