ढाका। बांग्लादेश के चर्चित छात्र नेता और इंकिलाब मंच के संयोजक शरीफ उस्मान हादी की हत्या ने देश की राजनीति में भूचाल ला दिया है। मृतक के भाई ओमर हादी ने अंतरिम सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उनके भाई की हत्या आगामी राष्ट्रीय चुनावों को अस्थिर करने के उद्देश्य से की गई। ओमर हादी का दावा है कि सत्ता में बैठे एक गुट ने जानबूझकर यह हत्या कराई, ताकि चुनावी माहौल खराब हो और राजनीतिक लाभ उठाया जा सके।

ओमर हादी ने ढाका के शाहबाग में राष्ट्रीय संग्रहालय के सामने आयोजित शहीदी शपथ कार्यक्रम में कहा, “आपने ही उसे मरवाया और अब उसी मुद्दे को लेकर चुनावी प्रक्रिया को बाधित करने की कोशिश कर रहे हैं। सरकार के भीतर मौजूद कुछ लोग साजिश के जरिए इस हत्या के पीछे हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि उनके भाई ने किसी भी एजेंसी या विदेशी दबाव के आगे झुकने से इनकार किया था, जिसके कारण उनकी हत्या कराई गई।

ओमर हादी ने अंतरिम सरकार को चेतावनी दी कि अगर हत्यारों को जल्द सजा नहीं दी गई, तो यूनुस सरकार को भी वही अंजाम भुगतना पड़ सकता है, जैसा कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को झेलना पड़ा। उन्होंने कहा कि चुनावी माहौल को प्रभावित किए बिना जल्द से जल्द न्याय सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

सूत्रों के अनुसार, 32 वर्षीय शरीफ उस्मान हादी पर ढाका की एक मस्जिद से बाहर निकलते समय गोली चली थी। गंभीर रूप से घायल हादी को सिंगापुर ले जाया गया, लेकिन 19 दिसंबर को उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। इस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया और राजधानी ढाका सहित कई इलाकों में तनाव बढ़ गया।

उस्मान हादी 2024 के जन आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक थे। उसी आंदोलन के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को अगस्त 2024 में पद छोड़कर भारत भागना पड़ा था, जहां वे अभी भी निर्वासन में हैं।