ढाका: नोबेल विजेता मुहम्मद यूनुस और 13 अन्य के खिलाफ आरोप तय

ढाका की एक अदालत ने बुधवार को नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस और 13 अन्य पर एक दूरसंचार कंपनी के कर्मचारियों के लाभांश से 20 लाख अमेरिकी डॉलर से ज्यादा का गबन करने आरोप तय किया। विशेष न्यायाधीश सैयद अराफात हुसैन ने आरोपियों की ओर से आरोप खारिज करने की याचिका खारिज की और मुकदमा चलाने के आदेश दिया।

अभियोजन पक्ष के वकील ने कहा, न्यायाधीश हुसैन ने आरोप पढ़े। डॉक्टर यूनुस और सह आरोपी कठघरे में थे। उन्होंने मुकदमने की सुनवाई शुरू करने के लिए 15 जुलाई की तारीख तय की। 

यूनुस (83 वर्षीय) और 13 अन्य आरोपियों के वकीलों ने खुद को बेकसूर बताया और मुवक्किलों को छूट देने की मांग की। लेकिन अदालत ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि आरोपियों के खिलाफ लगाए गए आरोप प्राथमिक रूप से साबित हो गए हैं और इसलिए उनके खिलाफ आरोप तय किए गए हैं। 

यूनुस को साल 2006 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्होंने महिलाओं की मदद करने के लिए माइक्रोक्रेडिट का नेतृत्व किया। उन्होंने ग्रामीण बैंक की भी स्थापना की थी। अभियोजन पक्ष ने यूनुस और अन्य पर श्रमिक कल्याण कोष से 25 करोड़ टका (20 लख अमेरिकी डॉलर से अधिक) के गबन का आरोप लगाया है। 

ग्रामीण टेलीकॉम के पास बांग्लादेश के सबसे  बड़े मोबाइल फोन ऑपरेटर ग्रामीणफोन में 34.2 फीसदी हिस्सेदारी है। ग्रामीणफोन नॉर्वे की टेलीकॉम दिग्गज टेलीनॉर की सहायक कंपनी है। इस बीच अदालत के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए यूनुस ने कहा, आज हम काफी देर तक पिंजरे (कठघरे) में थे। एक सभ्य देश में एक नागरिक सुनवाई के दौरान अदालत में जानवर की तरह क्यों खड़ा रहेगा, जबकि उस पर अभी तक दोष साबित नहीं हुआ है। 

उन्होंने कहा कि जहां तक उनकी समझ है कि जब तक कोई आरोपी दोषी साबित नहीं हो जाता, तब उसे निर्दोष ही माना जाना चाहिए। लेकिन फिर भी पूरी सुनवाई के दौरान हम लोहे पिंजरे के अंदर रहे। इससे पहले जनवरी में यूनुस को श्रम कानूनों के उल्लंघन के अलग आरोप में छह महीने की जेल की सजा सुनाई गई थी। लेकिन उन्हें जमानत दे दी गई थी। यूनुस पर 150 से ज्यादा अन्य मामले दर्ज हैं। जिनमें भ्रष्टाचार के बड़े आरोप भी शामिल हैं। जिनमें दोषी पाए जाने पर उन्हें वर्षों तक की जेल की सजा हो सकती है। 

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