गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के अवसर पर मंगलवार को लगभग 2,100 भारतीय सिख श्रद्धालु वाघा सीमा के रास्ते पाकिस्तान पहुंचे। मई में दोनों देशों के बीच हुए तनाव के बाद यह पहला मौका है जब भारतीय श्रद्धालु पाकिस्तान पहुंचे हैं। पाकिस्तान सरकार ने इस धार्मिक यात्रा के लिए 2,150 भारतीय सिखों को वीजा जारी किए हैं।
अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गर्गज के नेतृत्व में श्रद्धालुओं का जत्था अटारी-वाघा बॉर्डर पार कर लाहौर पहुंचा। वहां पंजाब प्रांत के मंत्री रमेश सिंह अरोड़ा और पाकिस्तान इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) के अधिकारियों ने फूल बरसाकर उनका स्वागत किया। श्रद्धालु लाहौर स्थित ननकाना साहिब, करतारपुर साहिब और अन्य ऐतिहासिक गुरुद्वारों में मत्था टेकेंगे।
पाकिस्तान में हाल के दिनों में बढ़े तनाव के बाद यह यात्रा दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास और धार्मिक सद्भाव का प्रतीक मानी जा रही है।
ईटीपीबी के प्रवक्ता गुलाम मोहिउद्दीन ने बताया कि भारतीय तीर्थयात्री विशेष बसों से गुरुद्वारा जन्मस्थान, ननकाना साहिब रवाना हो गए हैं। गुरु नानक जयंती का मुख्य आयोजन बुधवार को लाहौर से लगभग 80 किलोमीटर दूर ननकाना साहिब स्थित गुरुद्वारा जन्मस्थान में होगा। आयोजन के लिए ननकाना साहिब और करतारपुर सहित सभी प्रमुख गुरुद्वारों को रोशनी और फूलों से सजाया गया है तथा सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए हैं।