उत्तर गोवा के अर्पोरा स्थित नाइटक्लब ‘बिर्च बाय रोमियो लेन’ में छह दिसंबर को हुए भीषण अग्निकांड ने देशभर में गहरी चिंता पैदा कर दी थी। इस हादसे में 25 लोगों की जान चली गई थी। अब इस मामले में कानूनी कार्रवाई का दायरा भारत से बाहर तक फैलता नजर आ रहा है। नाइटक्लब के सह-मालिक गौरव लूथरा और सौरभ लूथरा के खिलाफ आगे की सुनवाई थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक की अदालत में होने की संभावना है।
हादसे के तुरंत बाद लूथरा बंधु थाईलैंड के फुकेत चले गए थे। इसके बाद भारतीय एजेंसियों की ओर से उनके खिलाफ इंटरपोल का ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया गया। भारतीय दूतावास की पहल पर थाई अधिकारियों ने 11 दिसंबर को दोनों को हिरासत में ले लिया।
थाई कानून और मानवाधिकार का पहलू
सूत्रों के अनुसार, लूथरा बंधु वैध यात्रा दस्तावेजों के साथ थाईलैंड पहुंचे थे, लेकिन बाद में भारत सरकार द्वारा उनके पासपोर्ट रद्द किए जाने से उनकी स्थिति कानूनी रूप से जटिल हो गई। इसी कारण थाई प्रशासन इस पूरे मामले को कानून और मानवाधिकार—दोनों पहलुओं से परख रहा है।
कानूनी दस्तावेज थाई अधिकारियों को सौंपे गए
भारतीय दूतावास से जुड़े सूत्रों ने बताया कि दोनों भाइयों से संबंधित सभी आवश्यक दस्तावेज थाईलैंड को सौंप दिए गए हैं। अब मामला बैंकॉक की अदालत के समक्ष जाएगा, हालांकि सुनवाई की तारीख अभी तय नहीं की गई है।
भारत की सख्त कार्रवाई, प्रत्यर्पण की मांग
इधर, भारत सरकार ने लूथरा बंधुओं के पासपोर्ट रद्द करने के साथ थाईलैंड को एक विस्तृत डोजियर भी सौंपा है, जिसमें अग्निकांड में 25 लोगों की मौत के लिए उनकी भूमिका को गंभीर लापरवाही से जुड़ा बताया गया है। इसके साथ ही भारत ने औपचारिक रूप से दोनों को स्वदेश भेजने की मांग भी की है।
तुरंत वापसी की संभावना कम
हालांकि, भारतीय दूतावास का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय कानून और कूटनीतिक प्रक्रियाओं के कारण लूथरा बंधुओं की तत्काल भारत वापसी संभव नहीं है। अब बैंकॉक की अदालत में सभी पक्षों की दलीलें सुनी जाएंगी, जिसके बाद ही आगे की कार्रवाई पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।