पाकिस्तान के पेशावर शहर में सोमवार तड़के अर्धसैनिक बल फ्रंटियर कांस्टेबुलरी के मुख्यालय पर बड़ा हमला हुआ। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, हथियारों से लैस आतंकियों ने परिसर को निशाना बनाया, जबकि दो आत्मघाती हमलावरों ने भी विस्फोट किए। हमले के तुरंत बाद सुरक्षा बलों ने घेराबंदी कर जवाबी कार्रवाई शुरू की और सभी तीन हमलावरों को ढेर कर दिया। इस अभियान में सुरक्षा बल के तीन जवान भी शहीद हो गए।

कैसे हुई वारदात?
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पहला आत्मघाती हमलावर मुख्य प्रवेश द्वार पर धमाका कर गया, जबकि दूसरा विस्फोटक लेकर परिसर के भीतर तक घुस गया। अधिकारी के अनुसार, यह आशंका थी कि परिसर में और भी आतंकी छिपे हो सकते हैं, इसलिए सेना, पुलिस और अन्य सुरक्षा इकाइयों ने अत्यधिक सतर्कता के साथ इलाके को सील कर दिया।

घटना स्थल पेशावर की एक भीड़भाड़ वाली सड़क के पास स्थित है, जो सैन्य छावनी से भी सटा हुआ है। स्थानीय निवासी सफदर खान ने कहा कि विस्फोटों के तुरंत बाद सड़क पर यातायात रोक दिया गया और पूरा इलाका सेना व पुलिस ने अपने नियंत्रण में ले लिया।

कई बार निशाने पर रहा अर्धसैनिक मुख्यालय
यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान के सुरक्षा प्रतिष्ठानों को आतंकियों ने निशाना बनाया है। वर्ष की शुरुआत में क्वेटा में अर्धसैनिक मुख्यालय के बाहर कार बम धमाका हुआ था जिसमें कम से कम 10 लोगों की जान चली गई थी। इसके अलावा 3 सितंबर को क्वेटा में एक राजनीतिक सभा पर हुए आत्मघाती हमले में 11 लोगों की मौत हुई और 40 से अधिक लोग घायल हुए।

पाकिस्तान के बलोचिस्तान क्षेत्र में सुरक्षा बल कई वर्षों से विद्रोह का सामना कर रहे हैं। 2024 में अब तक हिंसा की अलग-अलग घटनाओं में 780 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। मार्च में बलोच लिबरेशन आर्मी ने एक ट्रेन पर धावा बोलकर छुट्टी पर जा रहे सैनिकों को निशाना बनाया था। इसी साल जनवरी से अब तक 430 से अधिक लोग आतंकवादी घटनाओं में अपनी जान गंवा चुके हैं, जिनमें बड़ी संख्या सुरक्षा बलों की है।