देहरादून। उत्तराखंड में बीते कई दिनों से जारी तेज बारिश ने आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। भूस्खलन और मलबा गिरने की घटनाओं के चलते राज्य के कई प्रमुख राजमार्ग और ग्रामीण सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं। शुक्रवार को बारिश की तीव्रता कुछ कम रही, लेकिन सड़कों की स्थिति में खास सुधार नहीं हो पाया।
यमुनोत्री हाईवे सातवें दिन भी बंद
यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग अब भी पूरी तरह चालू नहीं हो पाया है। बीते सात दिनों से यह मार्ग अवरुद्ध है। सिलाई बैंड तक आवाजाही बहाल हो चुकी है, लेकिन ओजरी से आगे यातायात ठप है। प्रशासन ने बैली ब्रिज निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी है, लेकिन इसे पूरा होने में अभी लगभग एक सप्ताह का समय लग सकता है।
गंगोत्री हाईवे पर फिर फंसे पहिए
गंगोत्री मार्ग पर आवाजाही सामान्य है, लेकिन नेताला, पपड़गाड, बिशनपुर और हेलगूगाड जैसे स्थानों पर लगातार मलबा और सड़क धंसने की घटनाएं हो रही हैं। शुक्रवार को भटवाड़ी के समीप पपड़गाड में सड़क का करीब 25 मीटर हिस्सा धंस गया, जिससे यातायात लगभग आठ घंटे तक ठप रहा। दोपहर ढाई बजे के बाद ही मार्ग को दोबारा खोला जा सका।
बदरीनाथ मार्ग पर भी भूस्खलन, दो घंटे ठप रहा ट्रैफिक
चमोली जिले में बदरीनाथ हाईवे पर उमट्टा के निकट भूस्खलन के कारण शुक्रवार सुबह लगभग दो घंटे तक यातायात अवरुद्ध रहा। यह क्षेत्र लंबे समय से भूस्खलन की चपेट में है। स्थानीय होटल व्यवसायी आशीष डिमरी ने एनएचआईडीसीएल पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। संस्था के परियोजना प्रबंधक अंकित राणा ने बताया कि मलबा हटाने का कार्य जारी है और मानसून समाप्त होने के बाद स्थायी समाधान की योजना पर काम होगा।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी आवाजाही पर असर
- सिमली-ग्वालदम मार्ग पर हरमनी के पास हुए भूस्खलन से छह घंटे तक यातायात रुका रहा, जिसे बीआरओ ने बहाल किया।
- देवाल-थराली मार्ग नंदकेशरी के पास 11 घंटे तक बंद रहा।
- कर्णप्रयाग, नारायणबगड़ और मोरी ब्लॉक में कई संपर्क मार्ग या तो मलबे से ढके हैं या धंसे हुए हैं।
- कर्णप्रयाग-नैनीसैण मोटरमार्ग आईटीआई के पास पुश्ता गिरने से आगामी तीन दिन तक अवरुद्ध रहेगा। फिलहाल वैकल्पिक मार्ग से आवाजाही हो रही है।
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि अनावश्यक यात्रा से बचें और मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करें।