अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) महासचिव ई.के. पलानीस्वामी ने शनिवार को पार्टी में बड़ा बदलाव किया। उन्होंने वरिष्ठ नेता और विधायक के.ए. सेंगोट्टैयन को संगठन सचिव और एरोड सब-अर्बन जिला सचिव सहित सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया।
पार्टी की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया कि यह निर्णय तत्काल प्रभाव से लागू होगा। चौंकाने वाली बात यह रही कि सेंगोट्टैयन ने इस फैसले पर नाखुशी दिखाने के बजाय खुशी जाहिर की और कहा कि यह कदम पार्टी के हित में है, इसलिए वे इसे स्वीकार करते हैं।
होटल में हुई थी अहम बैठक
इससे पहले ई.के. पलानीस्वामी ने डिंडिगुल के एक होटल में वरिष्ठ नेताओं और पूर्व मंत्रियों के साथ करीब एक घंटे लंबी बैठक की थी। इस बैठक में दिंडिगुल श्रीनिवासन, नाथम विश्वनाथन, के.पी. मुनुसामी, एस.पी. वेलुमणि, कामराज, ओ.एस. मणियन और विजयभास्कर मौजूद थे। मीटिंग के बाद ही सेंगोट्टैयन को पदमुक्त करने का निर्णय लिया गया।
क्या था सेंगोट्टैयन का बयान?
सेंगोट्टैयन ने शुक्रवार को बयान दिया था कि पार्टी तभी मजबूत हो सकती है और चुनावी सफलता हासिल कर सकती है, जब वी.के. शशिकला, ओ. पन्नीरसेल्वम और टी.टी.वी. दिनाकरन जैसे निष्कासित नेताओं को फिर से शामिल किया जाए। उनका कहना था कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद कई वरिष्ठ नेताओं ने भी पलानीस्वामी को यही सुझाव दिया था, लेकिन उस पर गौर नहीं किया गया। उन्होंने यह भी कहा था कि 2016 के बाद से पार्टी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है और अगर भाजपा से गठबंधन होता तो इस बार कम से कम 30 सीटें जीत सकती थी।