कर्नाटक में धर्मस्थल प्रकरण को लेकर सियासत तेज हो गई है। भाजपा ने इसे बड़ी साजिश बताते हुए मांग की है कि जांच सीबीआई या एनआईए जैसी केंद्रीय एजेंसी को सौंपी जाए। वहीं मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि विपक्ष महज राजनीति कर रहा है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र ने आरोप लगाया कि धर्मस्थल और सनातन धर्म की छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक और अन्य विधायकों के साथ सोमवार को "धर्मस्थल चलो रैली" में शामिल होकर कथित साजिश की निंदा करने का ऐलान किया। रैली से पहले भाजपा नेताओं ने मंजूनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की और धर्माधिकारी वीरेंद्र हेगड़े से मुलाकात भी की।

विजयेंद्र ने कहा कि राज्य सरकार की एसआईटी जांच के दौरान झूठा प्रचार किया गया, जिससे करोड़ों भक्तों की भावनाएं आहत हुईं। उन्होंने वामपंथी संगठनों पर सरकार पर दबाव बनाने का आरोप लगाया और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के बयान का हवाला देते हुए कहा कि स्वयं सरकार के भीतर भी इस मामले को "बड़ी साजिश" माना जा रहा है।

मामला तब तूल पकड़ गया जब शिकायतकर्ता सी.एन. चिन्नैया ने दावा किया कि धर्मस्थल में दो दशक के दौरान कथित यौन शोषण पीड़ित महिलाओं समेत कई शव दफनाए गए। हालांकि जांच में उसके आरोप झूठे पाए गए और बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भाजपा की "धर्मस्थल चलो रैली" को पाखंड करार दिया। उन्होंने कहा, “भाजपा को लगता है कि इस मुद्दे से हिंदू उनके साथ खड़े हो जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं होगा। कांग्रेस भगवान मंजूनाथ और धर्मस्थल का सम्मान करती है। विपक्ष केवल राजनीति और झूठे प्रचार में जुटा है। धर्म के नाम पर सियासत करना अमानवीय व्यवहार है।”