लोकसभा में चुनाव सुधारों पर शुरू हुई चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव, देश की सबसे बड़ी आवश्यकता बन चुके हैं। उन्होंने संविधान द्वारा चुनाव आयोग को प्रदान किए गए अधिकारों का उल्लेख करते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल में अब तक के सबसे महत्वपूर्ण चुनावी सुधार लागू किए गए थे।

तिवारी ने चुनाव आयोग द्वारा पूरे राज्यों में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कराए जाने पर आपत्ति जताई और दावा किया कि ऐसा कदम संवैधानिक दायरे से बाहर है। उन्होंने कहा कि 1988 में कांग्रेस सरकार ने व्यापक सुधार लागू किए थे, लेकिन आज आयोग केंद्र सरकार के निर्देशों पर काम करता दिखाई देता है।

ईवीएम की विश्वसनीयता पर भी सवाल
चर्चा के दौरान उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) पर भी गंभीर प्रश्न उठाए। तिवारी का कहना था कि ईवीएम का सोर्स कोड किसी बाहरी निजी कंपनी के पास होना चिंता का विषय है और इससे इन मशीनों की निष्पक्षता पर सवाल खड़े होते हैं।