कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने गुरुवार को कहा कि सरकार कन्नड़ भाषा के विवाद में किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं देगी। बता दें कि कर्नाटक रक्षण वेदिके (नारायण गौड़ा गुट) के कार्यकर्ता बंगलूरू में दुकानों पर कन्नड़ भाषा में साइनबोर्ड लगाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। हाल ही में कार्यकर्ताओं ने इसे लेकर उन दुकानों में तोड़फोड़ भी की, जिन पर कन्नड़ भाषा में साइनबोर्ड नहीं थे। इस पर डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने सख्त रुख अपनाया है। 

'सरकार अपनी आंखें नहीं मूंद सकती'
शिवकुमार ने कहा कि 'हम कन्नड़ समर्थक कार्यकर्ताओं के खिलाफ नहीं हैं लेकिन उन्हें कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए। हम बंगलूरू में संपत्तियों के नुकसान को बर्दाश्त नहीं करेंगे। हमें कन्नड़ भाषा को बचाने को बचाना है और हम इसके लिए लड़ने वाले लोगों का सम्मान भी करते हैं लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि इसके नाम पर जो तोड़फोड़ हो रही है, सरकार उसकी तरफ से आंखें मूंद ले।' 

लोकतांत्रिक तरीके से विरोध प्रदर्शन की इजाजत
डिप्टी सीएम ने कहा कि 'सरकार निर्देश दे चुकी है कि सभी साइनबोर्ड्स, विज्ञापनों और नेम प्लेट्स पर 60 प्रतिशत कन्नड़ भाषा का इस्तेमाल होना चाहिए। जो लोग इस निर्देश का उल्लंघन कर रहे हैं, उन्हें नोटिस जारी किए जा रहे हैं। प्रदर्शनकारी इसे लेकर विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं, नारेबाजी कर सकते हैं लेकिन संपत्तियों का नुकसान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम कन्नड़ को बचाने के लिए समर्पित हैं और सीएम ने इसे लेकर अधिकारियों को निर्देश भी दिए हैं।' प्रदर्शनकारियों को लेकर शिवकुमार ने कहा कि 'लोकतांत्रिक तरीके से वह जो करना चाहते हैं, कर सकते हैं लेकिन तोड़फोड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बंगलूरू में दुनिया भर से निवेशक आते हैं और लोग यहां आकर अपनी आजीविका चलाते हैं, उन्हें धमकाया नहीं जाना चाहिए।'

वहीं दुकानों में तोड़फोड़ करने वाले कर्नाटक रक्षण वेदिके के अध्यक्ष टीए नारायण गौड़ा समेत 29 कार्यकर्ताओं को बंगलूरू की एक अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया है। पुलिस ने इन्हें बुधवार को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने अभी तक कर्नाटक रक्षण वेदिके के करीब 500 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है, जिन्होंने बंगलूरू और राज्य के अन्य हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किए।