कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खरगे ने विदेश मंत्रालय पर अमेरिका यात्रा के संबंध में पहले मंज़ूरी न देने और बाद में निर्णय बदलने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि मंत्रालय ने पहले उनके आवेदन को खारिज कर दिया, लेकिन अब अनुमति प्रदान कर दी है। इस मुद्दे को लेकर उन्होंने मंत्रालय पर राजनीतिक भेदभाव के आरोप लगाए हैं।
“अब दी गई अनुमति, पहले क्यों रोका गया?”
प्रियांक खरगे ने सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी दी कि विदेश मंत्रालय ने अपना निर्णय बदलते हुए उन्हें अमेरिका यात्रा के लिए क्लियरेंस दे दी है। उन्होंने लिखा, “मैंने 15 मई को अमेरिका जाने की अनुमति मांगी थी, जहां मुझे 14 से 27 जून तक दो महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों में कर्नाटक सरकार का प्रतिनिधित्व करना था। इस दौरे में शीर्ष कंपनियों और विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों के साथ 25 से अधिक आधिकारिक बैठकें प्रस्तावित थीं, जिनमें कर्नाटक में निवेश के अवसरों पर चर्चा होनी थी।”
प्रेस वार्ता के बाद मिला वीसा क्लियरेंस
खरगे ने आरोप लगाया कि बिना किसी कारण उनके आवेदन को पहले खारिज कर दिया गया। इस पर उन्होंने 19 जून को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें इस मुद्दे को उठाया और मंत्रालय की भूमिका पर सवाल खड़े किए। उनका कहना है कि प्रेस वार्ता और मीडिया में खबर आने के बाद ही उसी दिन शाम को विदेश मंत्रालय ने अमेरिका वीजा के लिए क्लीयरेंस जारी कर दी।
उन्होंने पूछा, “अगर मंज़ूरी दी ही जानी थी, तो पहले मना क्यों किया गया? क्या जब मामला सार्वजनिक हुआ तब जवाबदेही से बचने के लिए क्लीयरेंस दी गई?”
विदेश मंत्रालय की ओर से अभी तक प्रतिक्रिया नहीं
इस पूरे घटनाक्रम पर विदेश मंत्रालय की तरफ से अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ है। हालांकि, प्रियांक खरगे के आरोपों ने केंद्र और राज्य सरकार के बीच एक नई राजनीतिक बहस को जन्म दे दिया है।
Read News: बिहार में सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना की राशि बढ़ी, अब हर महीने मिलेंगे ₹1100