भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र में पाकिस्तान को बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन करने और सीमा पार आतंकवाद फैलाने के मामले में घेरा। भारतीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल सांसद निशिकांत दुबे ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत की गई आतंकवाद विरोधी कार्रवाई को वैध और आवश्यक कदम बताते हुए कहा कि इसका उद्देश्य बच्चों और आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना था।
निशिकांत दुबे ने पाकिस्तान पर बाल एवं सशस्त्र संघर्ष (CAAC) के सबसे गंभीर उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कहा कि अफगान सीमा के निकट पाकिस्तानी सेना की गोलीबारी और हवाई हमलों में कई बच्चे मारे गए या घायल हुए। उन्होंने पाकिस्तान द्वारा बच्चों और नागरिकों को निशाना बनाने की निंदा करते हुए कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाखंडपूर्ण व्यवहार है।
उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले का भी उल्लेख किया, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। इसके जवाब में भारत ने मई 2025 में ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें पाकिस्तानी और पीओजेके में नौ आतंकवादी शिविरों को नष्ट किया गया और कई आतंकवादी ढेर किए गए।
निशिकांत दुबे ने कहा कि भारत की कार्रवाई संतुलित और सोची-समझी थी, जबकि पाकिस्तान ने जानबूझकर भारतीय सीमावर्ती गांवों को निशाना बनाया। उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि उसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उपदेश देने से पहले अपनी सीमाओं के भीतर बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।