पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर से एक बार फिर से महिला सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ाने वाली घटना सामने आई है। राज्य के दुर्गापुर स्थित एक निजी मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार रात एक छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात हुई, जिससे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सुरक्षा और कानून व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं।
पीड़िता ओडिशा के बालासोर जिले की जलेसर की रहने वाली दूसरी वर्ष की छात्रा है। छात्रा अपने एक दोस्त के साथ कॉलेज परिसर से बाहर रात के खाने के लिए गई थी। पुलिस और परिवार के अनुसार, बीच रास्ते में उसके दोस्त ने उसे छोड़ दिया। तभी तीन अज्ञात आरोपियों ने उसका मोबाइल छीना और पास के जंगल में ले जाकर दुष्कर्म किया। आरोपियों ने पीड़िता को धमकी दी कि यदि उसने किसी को बताया तो उसे नुकसान होगा और मोबाइल वापस देने के बदले पैसे की मांग भी की।
घटना की जानकारी मिलते ही पीड़िता के माता-पिता दुर्गापुर पहुंचे और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। दुर्गापुर कमिश्नरेट के डीसी (ईस्ट) अभिषेक गुप्ता ने बताया कि यह एक संवेदनशील मामला है और सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए जांच की जा रही है।
इस घटना के बाद सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने घटना को निंदनीय बताते हुए ममता बनर्जी से आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने पीड़िता के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की और ओडिशा सरकार द्वारा परिवार को हर संभव मदद उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया।
राजनीतिक प्रतिक्रिया भी तेज हो गई है। भाजपा ने राज्य में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि ममता बनर्जी सरकार में कानून व्यवस्था गंभीर संकट में है। भाजपा नेता अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर बताया कि पीड़िता ने कथित रूप से आरोपियों के नाम बताए हैं। वहीं सुवेंदु अधिकारी ने पीड़िता के पिता से मिलकर मदद का आश्वासन दिया और जरूरत पड़ने पर इलाज के लिए कोलकाता शिफ्ट करने की सलाह दी।
राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम भी पीड़िता से मिलने अस्पताल पहुंची। आयोग की सदस्य अर्चना मजूमदार ने कहा कि राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं और पुलिस की सक्रियता पर्याप्त नहीं है। स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल कॉलेज से रिपोर्ट मांगी है।
पश्चिम बंगाल की महिला एवं बाल विकास मंत्री शशि पांजा ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया और कहा कि मामले पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। वहीं वेस्ट बंगाल डॉक्टर्स फोरम (डब्ल्यूबीडीएफ) ने भी इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि महिला सुरक्षा कैंपस में भी पर्याप्त नहीं है।