केंद्र सरकार ने प्रशासनिक संस्थानों के नामों में बड़े बदलाव की घोषणा की है। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) का नाम अब ‘सेवा तीर्थ’ कर दिया गया है। इसी क्रम में केंद्रीय सचिवालय को नया नाम ‘कर्तव्य भवन’ मिला है।
सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भी अपने राजभवनों का नाम बदलकर ‘लोकभवन’ और राज निवास का नाम ‘लोक निवास’ करने का निर्देश जारी किया है। गृह मंत्रालय के अनुसार, ‘राजभवन’ शब्द औपनिवेशिक मानसिकता का प्रतिनिधित्व करता है, इसलिए इसकी जगह अधिक जनोन्मुख नाम अपनाना उपयुक्त माना गया है।
गृह मंत्रालय ने यह निर्देश पिछले वर्ष आयोजित राज्यपालों के सम्मेलन में उठाई गई उस चर्चा के आधार पर जारी किए, जिसमें राजभवन का नाम बदलने की सिफारिश की गई थी। मंत्रालय ने राज्यों के मुख्य सचिवों और केंद्र शासित प्रदेशों के लेफ्टिनेंट गवर्नरों के कार्यालयों को पत्र लिखकर सभी आधिकारिक कार्यों में नए नाम के उपयोग का अनुरोध किया है।
कई राज्यों ने बदले अपने राजभवनों के नाम
निर्देश जारी होने के बाद पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम, उत्तराखंड, ओडिशा, गुजरात और त्रिपुरा ने अपने राजभवनों को आधिकारिक रूप से ‘लोकभवन’ नाम दे दिया है। लद्दाख के राज निवास का नाम भी बदकर ‘लोक निवास’ रखा गया है।
इस सूची में अब राजस्थान भी शामिल हो गया है। राज्य सरकार ने घोषणा की है कि जयपुर स्थित राजभवन को भी नए नाम से जाना जाएगा।
इससे पहले केंद्र सरकार राजधानी दिल्ली में ‘राजपथ’ का नाम बदलकर ‘कर्तव्य पथ’ और प्रधानमंत्री आवास का नाम ‘लोक कल्याण मार्ग’ कर चुकी है।