राजनाथ ने अमेरिकी रक्षा मंत्री हेगसेथ से बात की

अमेरिकी रक्षा मंत्री के साथ राजनाथ सिंह ने फोन पर बात की है। दोनों की बातचीत को लेकर रक्षा मंत्रालय ने आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर समझा जाता है कि दोनों नेताओं के बीच पहलगाम आतंकी हमले से जुड़ी वार्ता हुई है। इस आतंकी वारदात के पीछे पाकिस्तान की भूमिका है। भारत के साथ पड़ोसी देश का तनाव बढ़ रहा है। अमेरिका, सऊदी अरब, कतर जैसे देशों ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। इसी बीच अमेरिकी रक्षा मंत्री के साथ राजनाथ सिंह की बात को अहम माना जा रहा है।

भारत अमेरिका सैन्य संबंधों पर बड़ा फैसला
दोनों शीर्ष नेताओं की बातचीत से पहले अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के तहत काम करने वाली एजेंसी- DSCA ने 11.08 अरब रुपये से अधिक मूल्य के सैन्य हार्डवेयर और रसद सहायता के प्रस्ताव को मंजूरी दी। अमेरिका के मुताबिक भारत को सैन्य हार्डवेयर और रसद को अपने सशस्त्र बलों में शामिल करने में कोई कठिनाई नहीं होगी। इससे बुनियादी सैन्य संतुलन में भी कोई बदलाव नहीं होगा। अमेरिकी रक्षा तैयारियों पर भी कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा। आपूर्ति करने वाला मुख्य ठेकेदार वर्जीनिया के हर्नडन स्थित हॉकआई 360 होगा।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के प्रति अमेरिका का रुख
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की नृशंस हत्या हुई। वारदात के समय अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस अपने परिवार के साथ भारत में ही मौजूद थे। आतंकी वारदात के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात कर ‘पूर्ण समर्थन’ का भरोसा दिलाया था। अमेरिका के अलावा रूस, इस्राइल, ब्रिटेन जैसे कई अन्य देशों ने भी भारत के साथ एकजुटता दिखाई है।

करीब तीन महीने पहले फरवरी में हुई थी बात
इससे पहले राजनाथ सिंह ने पीट हेगसेथ को अमेरिका के नए रक्षा मंत्री बनने पर बधाई देने के लिए फरवरी में फोन किया था। दोनों रक्षा मंत्रियों ने भूमि, वायु, समुद्री और अंतरिक्ष से जुड़े तमाम मुद्दों पर बात हुई थी। राजनाथ और पीट हेगसेथ ने भारत-अमरीका रक्षा सहयोग गतिविधियों की व्यापक समीक्षा भी की थी। दोनों की बातचीत के संबंध में रक्षा मंत्रालय ने बताया था कि प्रौद्योगिकी सहयोग, रक्षा औद्योगिक आपूर्ति श्रृंखलाओं के एकीकरण, रसद और सूचना साझा करने के साथ-साथ संयुक्त सैन्य अभ्यासों जारी रखने को लेकर बात हुई थी। दोनों रक्षा मंत्री 2035 तक द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने पर भी सहमत हुए।

कब और कहां हुई आतंकी वारदात, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री क्या बोले
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम शहर के निकट ‘मिनी स्विटरलैंड’ नाम से मशहूर पर्यटन स्थल पर मंगलवार दोपहर हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई, जिनमें ज्यादातर पर्यटक हैं। यह 2019 में पुलवामा में हुए हमले के बाद घाटी में हुआ सबसे घातक हमला है। एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि 26 मृतकों में दो विदेशी और दो स्थानीय निवासी हैं। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस आतंकी हमले को ‘हाल के वर्षों में आम लोगों पर हुए किसी भी हमले से कहीं बड़ा’ हमला बताया। अधिकारियों ने बताया कि यह हमला ऐसे समय हुआ है जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत की यात्रा पर हैं। इसी समय जम्मू-कश्मीर में पर्यटन और ट्रैकिंग का मौसम जोर पकड़ रहा है।

74 महीने बाद आतंकी हमले से दहली घाटी
2019 की फरवरी में जम्मू-कश्मीर के ही पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद घाटी में सबसे घातक हमला पहलगाम में हुआ है। पहलगाम शहर से लगभग छह किलोमीटर दूर बैसरन चीड़ के पेड़ों के घने जंगलों और पहाड़ों से घिरा एक विशाल घास का मैदान है तथा देश व दुनिया के पर्यटकों के बीच पसंदीदा स्थान है।

आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े TRF ने ली हमले की जिम्मेदारी
पहलगाम हमले के संबंध में अधिकारियों और प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हथियारबंद आतंकवादी ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ में घुस आए और भोजनालयों के आसपास घूम रहे, खच्चर की सवारी कर रहे, पिकनिक मना रहे पर्यटकों पर गोलीबारी शुरू कर दी। पाकिस्तान में स्थित प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के छद्म संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) ने हमले की जिम्मेदारी ली है।

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