गृह मंत्रालय के कदम पर आरएसएस नए प्रचारक भेजने को तैयार

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में अपेक्षित सफलता नहीं मिलने के बाद भाजपा, सरकार और संघ के बीच दूरी कम करने की कवायद तेज हो गई है। सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने पर दशकों पुराने प्रतिबंध को हटाने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कार्मिक विभाग के इस आदेश को अपनी वेबसाइट के होम पेज पर लगाने का फैसला किया है।

गृह मंत्रालय की ओर जारी निर्देश के अनुसार, इसका उद्देश्य अधिक-से-अधिक लोगों को सरकार के इस फैसले से अवगत कराना है। दूसरी ओर आरएसएस भी भाजपा में संगठन मंत्रियों की कमी को दूर करने के लिए नए प्रचारक भेजने को तैयार है।

गृह मंत्रालय की साइट पर हाईकोर्ट का फैसला

सरकारी कर्मचारियों को आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने पर लगे प्रतिबंध को हटाने के फैसले को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में इससे संबंधित दाखिल याचिका से जोड़कर देखा जा रहा था, लेकिन गृह मंत्रालय ने फैसले को वेबसाइट के पहले पेज पर लगाने को सीधे तौर पर संघ के साथ संबंधों को बेहतर बनाने से जोड़कर देखा जा रहा है।

माना जा रहा है कि गृह मंत्रालय के बाद अन्य मंत्रालय भी अपनी वेबसाइट पर कार्मिक मंत्रालय के आदेश को लगाने का फैसला ले सकते हैं। सरकार के इस फैसले से 100वीं वर्षगांठ मनाने जा रहे आरएसएस को अपने सामाजिक कार्यों की स्वीकार्यता बढ़ाने और अपनी गतिविधियों का दायरा बड़ा करने में मदद मिल सकती है।

भाजपा और आरएसएस के बीच बेहतर समन्वय का अंदाजा कई सालों बाद संगठन मंत्रियों को भेजे जाने की तैयारी भी लगाया जा सकता है। दरअसल, भाजपा में संगठन मंत्री आरएसएस द्वारा भेजे जाते हैं, जो जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं और पार्टी के बीच बेहतर समन्वय का काम करते हैं।

कहां-कहां खाली हैं संगठन मंत्री?

फिलहाल कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, राजस्थान बड़े राज्यों में संगठन मंत्री के खाली पद हैं। पिछले दिनों हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर आरएसएस और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की समन्वय बैठक हुई।

बैठक में हरियाणा के वरिष्ठ नेताओं और पार्टी की ओर से नियुक्त केंद्रीय प्रभारियों ने आरएसएस की ओर मिले सुझावों को चुनाव तैयारियों में शामिल करने का आश्वासन दिया।

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