कर्नाटक में गन्ना किसानों द्वारा चलाए जा रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच विपक्षी दल भाजपा ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर हमला किया है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आर. अशोक ने कहा कि अगर सीएम राज्य शासन नहीं चला सकते, तो उन्हें पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने किसानों की समस्याओं का समाधान करने के बजाय केंद्र पर आरोप लगाने के लिए मुख्यमंत्री की आलोचना की।
आर. अशोक ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “सात दिन से हजारों गन्ना किसान सड़कों पर हैं, लेकिन मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के पास सिर्फ एक ही उपाय है – केंद्र को दोष देना। विपक्ष में रहते हुए जो बड़े-बड़े उपदेश देते थे, अब वह बहानों के पीछे छिप जाते हैं और किसानों को छोड़ देते हैं। अगर आप शासन नहीं चला सकते, तो इस्तीफा दे दीजिए।”
दूसरी ओर, सीएम सिद्धारमैया ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा और कहा कि समस्या की जड़ केंद्रीय नीतियों में है। पत्र में उन्होंने उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) का फॉर्मूला, चीनी के लिए स्थिर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी), निर्यात प्रतिबंध और चीनी आधारित फीडस्टॉक से इथेनॉल के कम उपयोग को मुख्य मुद्दा बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री से तत्काल मुलाकात की भी मांग की।
भाजपा नेता आर. अशोक ने अपनी ओर से मांग की कि एफआरपी में प्रति टन 500 रुपये का अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दी जाए, 5,000 करोड़ रुपये का रिवॉल्विंग फंड तत्काल जारी किया जाए और किसानों के लिए त्वरित हस्तक्षेप किया जाए।
गन्ना किसानों ने बेलगावी जिले के हट्टारागी टोल प्लाजा पर बंगलूरू-पुणे राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम करने का प्रयास भी किया। विरोध प्रदर्शन उत्तरी कर्नाटक के कई जिलों जैसे बेलगावी, बागलकोट, विजयपुरा और हावेरी में फैल गया है। बढ़ते तनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री ने किसान नेताओं और चीनी मिलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक बुलाई है।