‘पाकिस्तान से सिर्फ आतंकवाद और पीओके खाली कराने पर होगी बातचीत’: विदेश मंत्री

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम को लेकर उठ रहे सवालों पर स्पष्ट प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ संबंध पूरी तरह द्विपक्षीय रहेंगे, जिसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री ने भी स्पष्ट किया है कि बातचीत केवल आतंकवाद पर ही होगी।

आतंकवाद पर कड़ा रुख

होंडुरास दूतावास के उद्घाटन पर जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान को आतंकियों की सूची भारत को सौंपनी होगी और आतंकी ढांचे को खत्म करना होगा। भारत आतंकवाद पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन अन्य मुद्दों पर नहीं। सिंधु जल संधि तब तक स्थगित रहेगी, जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद पर रोक नहीं लगाता। कश्मीर पर चर्चा का एकमात्र मुद्दा पाक-अधिकृत कश्मीर से अवैध कब्जा हटाना है।

संघर्ष विराम पर बयान

जयशंकर ने कहा कि संघर्ष विराम की मांग पाकिस्तान की ओर से ही आई थी। ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया, सेना पर हमला नहीं किया गया। पाकिस्तान को चेतावनी दी गई थी कि वह हस्तक्षेप न करे, लेकिन उन्होंने इस सलाह को नहीं माना। 10 मई को भारत की कार्रवाई से पाकिस्तान को भारी नुकसान हुआ, जो सैटेलाइट तस्वीरों से भी स्पष्ट है।

अंतरराष्ट्रीय समर्थन और व्यापार वार्ता

विदेश मंत्री ने बताया कि पहलगाम हमले के बाद भारत को अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिला है। UNSC में अपराधियों को जवाबदेह ठहराने का प्रस्ताव भी पेश किया गया।
भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता पर जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों के बीच बातचीत जारी है, लेकिन किसी भी व्यापार समझौते का फैसला परस्पर लाभकारी होने पर ही होगा। जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लिया जाएगा।

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