शांति के बाद फिर से युद्ध, इजराइल ने गाजा में घातक हमला किया, 130 से अधिक लोग मारे गए।

पिछले 15 महीने चली जंग में महीने भर की शांति के बाद एक बार फिर इजराइल के हमले शुरू हो गए हैं. सोमवार को इजराइल सेना ने अचानक गाजा में हवाई हमलों की सीरीज लांच की हैं. कतरी न्यूज आउटलेट अल-जज़ीरा के रिपोर्टर के ने बताया, “हम सो रहे थे और अचानक बड़े विस्फोटों की आवाज़ सुनकर जाग गए. देर रात होने की वजह से यह बता पाना बहुत मुश्किल है कि हमले किस-किस जगह हुए हैं.”

ये हमले ऐसे समय में शुरू हुए हैं, जब अमेरिकी राष्ट्रपित ट्रंप यूक्रेन युद्ध समाप्ति के लिए रूसी राष्ट्रपति पुतिन से बात कर रहे हैं. यूक्रेन और गाजा युद्ध रुकवाना ट्रंप के चुनावी मुद्दों में से एक था, लेकिन इजराइल के इस कदम से लगता है कि ट्रंप मध्य पूर्व में शांति के लिए सीरियस नहीं हैं.

खबरों के मुताबिक गाजा में विस्थापित लोगों के घरों और तंबुओं पर इजराइली हमलों में अब तक 131 नागरिक मारे गए हैं और दर्जनों घायल हैं. साथ ही रिपोर्टर ने बताया कि जिस केंद्रीय क्षेत्र में हम हैं, वहां के आसमान में कई ड्रोन और लड़ाकू विमानों बहुत कम ऊंचाई पर मंडराते हुए देखा गया है, जिससे फ़िलिस्तीनियों में भारी डर का माहौल बन गया है. क्योंकि वह युद्धविराम वार्ता के परिणामों को देखने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे थे.

इजराइल और पीएम ने दी हमलों की जानकारी

इजराइल सेना ने अपने बयान में कहा IDF और शिन बेट गाजा में हमास आतंकवादी संगठन के आतंकवादी ठिकानों पर व्यापक रूप से हमले कर रहे हैं. इजराइल के प्रधानमंत्री ऑफिस ने जानकारी दी कि हमास की ओर से संघर्ष विराम को बढ़ाने के अमेरिकी प्रस्ताव को अस्वीकार करने के बाद इजराइल ने गाजा में सैन्य अभियान फिर से शुरू कर दिया है.

वहीं रॉटर्स को एक सीनियर हमास अधिकारी ने बताया कि इजराइल ने 19 जनवरी को संघर्ष विराम तोड़ दी है.

शांति वार्ता नाकाम

इजराइल और हमास में मध्यस्थत फिर से शांति वार्ता करा रहे थे, क्योंकि इजराइल ने संघर्ष विराम समझौते के दूसरे चरण में प्रवेश करने से इनकार कर दिया है, जिसे पहले चरण के बाद शुरू किया जाना था, जो छह सप्ताह तक चला था.

30 मिनट में 25 से ज्यादा हवाई हमले

रिपोर्ट अनस अल शरीफ ने अपने एक्स पर जानकारी दी कि महज आधे घंटे में इजराइल सेना ने 35 से ज्यादा एयर स्ट्राइक की हैं. साथ ही बताया कि बचाव कर्मियों और एंबुलेंस को लोगों को बचाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है.

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