बिहार। खराब मौसम के कारण केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शनिवार को गोपालगंज नहीं पहुंच पाए और उन्होंने वर्चुअल माध्यम से चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बिहार विकास के नए दौर में आगे बढ़ रहा है और आने वाले वर्षों में राज्य की सभी बंद पड़ी चीनी मिलों को फिर से शुरू किया जाएगा।

करीब आठ मिनट के अपने भाषण में शाह ने कहा कि केंद्र सरकार ने रीगा चीनी मिल को चालू कराने का काम किया है और अब अगले पांच साल में बिहार की बाकी मिलें भी शुरू की जाएंगी। उन्होंने कहा कि यह चुनाव केवल विधायक चुनने का नहीं, बल्कि बिहार के भविष्य का फैसला करने का है यह तय करने का कि राज्य विकास की राह पर आगे बढ़ेगा या फिर पुराने ‘जंगलराज’ की ओर लौटेगा।

शाह ने कहा, “गोपालगंज के लोग साधु यादव के कारनामों से भलीभांति परिचित हैं। एक समय था जब बिहार में बथानी टोला, शंकरबीघा, सोनारी जैसे नरसंहारों ने राज्य को दहला दिया था। जिन लोगों ने बिहार की धरती को रक्तरंजित किया, वही आज फिर नए रूप में लौटने की कोशिश कर रहे हैं।”

इससे पहले भी अमित शाह ने नालंदा, लखीसराय और बेगूसराय की जनसभाओं में लालू-राबड़ी शासन के दौर को ‘अराजकता का काल’ बताते हुए मतदाताओं से भाजपा के पक्ष में वोट करने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि “यह चुनाव किसी को विधायक या मंत्री बनाने के लिए नहीं, बल्कि जंगलराज को रोकने के लिए है।”

शाह ने दावा किया कि मोदी और नीतीश के नेतृत्व में बिहार ने अपराध, अपहरण और भय के दौर को पीछे छोड़ विकास, शिक्षा और रोजगार की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा जनता से वादा करती है कि आने वाले समय में बिहार में चीनी उद्योग को पुनर्जीवित कर राज्य को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे।