ओडिशा में नुआपाड़ा उपचुनाव को लेकर बीजद ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। विपक्षी पार्टी का कहना है कि मतदान प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर धांधली हुई और प्रशासनिक मशीनरी का दुरुपयोग कर चुनाव परिणाम को प्रभावित किया गया। बीजद ने स्पष्ट किया है कि पार्टी इस मामले को चुनाव आयोग के समक्ष ले जाएगी।
शनिवार को बीजद की राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने की। बैठक के बाद विपक्ष की चीफ व्हिप प्रमिला मलिक ने बताया कि उपचुनाव में गड़बड़ी को लेकर पहले ही मुख्य निर्वाचन अधिकारी को शिकायत दी गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि समिति ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि अब औपचारिक शिकायत चुनाव आयोग में दर्ज कराई जाएगी।
ईवीएम पर छेड़छाड़ के आरोप
बीजद ने दावा किया कि ईवीएम में हेरफेर कर उनके वोट दूसरी पार्टियों के खाते में ट्रांसफर किए गए। प्रमिला मलिक ने कहा कि कम से कम 63 मतदान केंद्रों पर धांधली के प्रमाण मिले हैं। उनके अनुसार, “लोग बीजद को वोट दे रहे थे, लेकिन मशीन किसी और को वोट दिखा रही थी। यह स्पष्ट रूप से तकनीकी गड़बड़ी या छेड़छाड़ का मामला है।”
बीजद ने भाजपा पर धनबल, सत्ता के दुरुपयोग और मशीनों को प्रभावित करने का आरोप लगाया। पार्टी का कहना है कि वह अपनी ओर से भी जांच करेगी और तथ्यों को जनता के सामने रखेगी ताकि “लोकतंत्र के खिलाफ की जा रही साज़िश” उजागर हो सके।
नुआपाड़ा में भाजपा की बड़ी जीत
11 नवंबर को हुए उपचुनाव में 83.45 प्रतिशत की रिकॉर्ड मतदान दर्ज हुआ। परिणाम में भाजपा उम्मीदवार जय ढोलकिया ने 83,748 वोटों के भारी अंतर से जीत हासिल की। कांग्रेस उम्मीदवार घासीराम माझी दूसरे स्थान पर रहे, जबकि भाजपा की स्नेहांगिनी छुरिया तीसरे नंबर पर रहीं। छुरिया ने शिकायत की कि 41 मतदान केंद्रों पर 90 प्रतिशत से अधिक मतदान दर्ज होने ने लोगों के मन में संदेह पैदा किया है।
भाजपा ने बीजद के आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा कि जनता ने साफ संदेश दे दिया है कि अब बीजद पर उनका भरोसा कम हो गया है।