बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। राज्य की अंतिम मतदाता सूची मंगलवार को प्रकाशित की जाएगी। इसके बाद चुनाव आयोग अगले हफ्ते विधानसभा चुनावों का कार्यक्रम घोषित कर सकता है। चुनाव आयोग की टीम 4 और 5 अक्तूबर को पटना का दौरा कर चुनाव की तैयारियों का जायजा लेगी। सूत्रों के अनुसार, पहला चरण छठ पर्व के बाद यानी अक्तूबर के अंतिम सप्ताह में होने की संभावना है।
चुनाव आयोग की योजना और पर्यवेक्षण
बिहार विधानसभा और कुछ उपचुनावों के लिए आयोग 470 पर्यवेक्षकों की तैनाती कर रहा है। इसके अलावा, 3 अक्तूबर को आम, पुलिस और व्यय पर्यवेक्षकों की बैठक आयोजित की जाएगी। बिहार विधानसभा में 243 सदस्य हैं और उनकी वर्तमान कार्य अवधि 22 नवंबर को समाप्त हो रही है। पिछला विधानसभा चुनाव तीन चरणों में आयोजित हुआ था, जिसमें कोविड-19 महामारी का भी असर था।
22 साल बाद विशेष गहन संशोधन (SIR) के साथ अंतिम मतदाता सूची
इस बार बिहार की अंतिम मतदाता सूची विशेष गहन संशोधन (SIR) के बाद प्रकाशित की जा रही है। यह 22 साल बाद किया गया पहला एसआईआर है। 1 अगस्त को प्रारूपिक मतदाता सूची जारी की गई थी। इसके बाद 1 सितंबर तक नागरिकों और राजनीतिक दलों को सुधार और आपत्तियां दर्ज कराने का मौका मिला। प्रारूपिक सूची में कुल 7.24 करोड़ मतदाता शामिल थे।
विपक्ष की आलोचना और आयोग का जवाब
विपक्षी दलों ने इस एसआईआर की आलोचना की है और दावा किया कि इससे करोड़ों नागरिकों के मतदान अधिकार प्रभावित हो सकते हैं। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि किसी योग्य नागरिक को मतदाता सूची से बाहर नहीं होने दिया जाएगा और किसी असत्य व्यक्ति को सूची में शामिल नहीं होने दिया जाएगा।
मुख्य मुकाबला: एनडीए बनाम इंडिया गठबंधन
2025 बिहार विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी एनडीए और विपक्षी इंडिया गठबंधन के बीच मुख्य मुकाबला है। एनडीए में जदयू, भाजपा, हम, एलजेपी (रामविलास) समेत कई दल शामिल हैं। वहीं इंडिया गठबंधन में राजद, कांग्रेस, लेफ्ट और वीआईपी प्रमुख हिस्सेदार हैं।