राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों को लेकर सीट बंटवारे का मसला उलझता जा रहा है। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की अध्यक्षता वाली लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) अपने लिए 35 से 40 सीटों की मांग पर कायम है, जबकि एनडीए गठबंधन केवल 28 सीटें देने को तैयार है।

मंगलवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता और बिहार चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने चिराग पासवान से बैठक कर सीट बंटवारे पर चर्चा की। इस दौरान भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव व बिहार संगठन प्रभारी विनोद तावड़े और बिहार सरकार के मंत्री मंगल पांडेय भी मौजूद थे। सूत्रों के अनुसार, चिराग पासवान की पार्टी ने न सिर्फ सीटों की संख्या पर जोर दिया, बल्कि कुछ विशेष विधानसभा क्षेत्रों की भी मांग की है, जिनमें पार्टी को बेहतर जीत का मौका दिखता है। इसके अलावा, लोकसभा में जीती गई पांच सीटों के प्रत्येक क्षेत्र में दो-दो विधानसभा सीटें भी लोजपा (रामविलास) को देने की मांग की गई है।

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) का नेतृत्व दावा करता है कि उनकी मांग जायज है। उनका कहना है कि 2015 के लोकसभा चुनाव में उनके उम्मीदवारों का स्ट्राइक रेट सबसे बेहतर रहा। पार्टी ने 2015 में भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए के साथ चुनाव लड़ा था और उस समय 243 सदस्यीय विधानसभा में 43 सीटें हासिल की थीं। पिछले विधानसभा चुनावों में भी पार्टी ने 135 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ा था।

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) का चुनावी प्रदर्शन:

  • फरवरी 2005: 178 सीटों पर लड़ा, 29 जीती, वोट प्रतिशत 11.10%

  • अक्टूबर 2005: 203 सीटों पर लड़ा, 10 जीती, वोट प्रतिशत 11.63%

  • 2010: 75 सीटें (राजद के साथ मिलकर), 3 जीत, वोट प्रतिशत लगभग 6.75%

  • 2015: 42 सीटें, 2 जीत, वोट प्रतिशत लगभग 4.8%

  • 2020: 137 सीटें, 1 जीत, वोट प्रतिशत लगभग 5.7%

विशेषज्ञों का मानना है कि एनडीए में सीट बंटवारे पर यह विवाद आगामी चुनाव में गठबंधन की रणनीति को प्रभावित कर सकता है।