भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने महागठबंधन सरकार पर जमकर निशाना साधा है। सम्राट ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को डमी सीएम कह दिया। वहीं राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि बिहार की राजनीति में लालू प्रसाद यादव की इंट्री हो चुकी है। अब नीतीश कुमार की कोई औचित्य नहीं रह गया। ऐसे भी नीतीश बाबू तो राजनीतिक तौर पर लालू जी का जलवा चलेगा तो बाहुबली दिखेंगे, अपराधी दिखेंगे। बालू माफिया, शराब माफिया और चारा घोटाला का माफिया दिखेंगे। लालू प्रसाद के समर्थन से जो सरकार चलेगी, वहां माफियाओं की चलेगी। सम्राट चौधरी ने लालू प्रसाद पर आरोप लगाया कि भाजपा की कृपा से मुख्यमंत्री बने और भाजपा के ही खिलाफ लड़ने लगे। बाहुबली और पूर्व सांसद की रिहाई पर सम्राट चौधरी ने कहा कि अपराधियों से सरकार नहीं चल सकती है। भाजपा जनता पार्टी किसी अपराधी के साथ कभी नहीं जाएगी। विपक्षी दल की हो रही बैठक को लेकर सम्राट चौधरी ने कहा एक्सपायरी डेट की दवा से कितना भी इलाज हो कोई फायदा नहीं
3 मई को सासाराम और 5 मई को नालंदा जाएंगे सम्राट
वहीं बाबा बागेश्वर धाम महराज के पटना में हो रहे कार्यक्रम पर बवाल को लेकर सम्राट ने कहा कि राजद सांप्रदायिक हो गई है। तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है। आप किसी को बिहार में आकर बोलने नहीं देंगे तो आप सांप्रदायिक हैं। किसी भी धर्म के गुरु को मौलिक अधिकार है कि वह अपने वचन से समाज को जोड़ने का काम कर सकते हैं। अगर कोई रोकता है तो स्पष्ट है कि तुष्टिकरण हो रही है। सम्राट चौधरी ने कहा कि वह 3 मई को सासाराम और 5 मई नालंदा जाएंगे।
आरोप- नीतीश कुमार अब बिहार की राजनीति में अप्रासंगिक हो गए
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि नीतीश कुमार चुनाव कहीं लड़ें लेकिन जनता ने मूड बना लिया है। अब उनकी पार्टी का खाता नहीं खुलेगा तो उनके जीतने का सवाल ही नहीं उठता है। उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार मायाजाल बुनते रहते हैं। इससे पहले जार्ज साहब को वहां ले गए थे। जार्ज साहब की कृपा से वहां समता पार्टी की सीट बनी। नालंदा से जीतने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह तो महान जनता तय करेगी लेकिन स्पष्ट रहिए कि जब 2024 में जदयू का खाता ही नहीं खुलेगा तो उनका प्रश्न हीं नहीं उठता। 2013 के बाद नीतीश कुमार, सरकार बचाने वाले मुख्यमंत्री बनकर रह गए हैं, जनता तय करेगी कि पूरी तरह जदयू को जीरो पर आउट करना है। नीतीश कुमार अब बिहार की राजनीति में अप्रासंगिक हो गए। उनके पास कोई वोट नहीं है।