कांग्रेस ने मंगलवार को एक बार फिर चुनाव आयोग पर तीखा प्रहार किया और मतदाता सूची से गैर-नागरिकों के नाम हटाने की प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाया। पार्टी ने कहा कि आयोग में इतनी हिम्मत नहीं है कि वह देश को यह बता सके कि बिहार में कितने गैर-नागरिकों के नाम मतदाता सूची से हटाए गए हैं।
कांग्रेस महासचिव एवं संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया में निष्पक्षता और समानता का अभाव है। उन्होंने कहा कि अगर चुनाव आयोग यह आंकड़ा सार्वजनिक करता, तो उसकी कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े हो जाते।
जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर एक समाचार लेख साझा करते हुए लिखा कि सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप से एसआईआर प्रक्रिया में मताधिकार से वंचित होने की आशंका कुछ हद तक कम हुई है, लेकिन सटीकता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए अभी भी कई कदम उठाने की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट में बिहार एसआईआर मामले पर सुनवाई मंगलवार से फिर शुरू हुई है।
विपक्ष का आरोप, आयोग सरकार के इशारे पर कर रहा काम
बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले एसआईआर प्रक्रिया को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग पर सत्तारूढ़ भाजपा के दबाव में काम करने का आरोप लगाया है। वहीं, आयोग ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि किसी भी पात्र नागरिक को मतदाता सूची से बाहर नहीं किया जाएगा और किसी भी अपात्र व्यक्ति का नाम सूची में शामिल नहीं होगा।
चुनाव आयोग ने सोमवार को बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया। दो चरणों में होने वाले मतदान की पहली तारीख 6 नवंबर और दूसरी 11 नवंबर तय की गई है। मतगणना 14 नवंबर को होगी।