भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर एक दस्तावेज साझा करते हुए दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी 1970 के दशक में स्वीडिश रक्षा कंपनी के एजेंट के रूप में काम करते थे और उस समय हथियारों की खरीद में दलाली का हिस्सा थे। उन्होंने कहा कि भारत में रक्षा सौदों में बिचौलियों की भूमिका को लेकर जो सवाल उठते रहे हैं, राजीव गांधी की भूमिका उस कड़ी से जुड़ी है।

दुबे का यह बयान ऐसे समय आया है, जब कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने उन पर और उनकी पत्नी की संपत्ति में हुई तेज़ बढ़ोतरी को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। श्रीनेत ने दावा किया कि 2009 में दुबे की पत्नी की कुल संपत्ति 50 लाख रुपये थी, जो 2024 में बढ़कर 32 करोड़ रुपये हो गई।

कांग्रेस नेता ने इस मामले में लोकपाल में शिकायत दर्ज कराई है। उनके अनुसार, लोकपाल ने निशिकांत दुबे को चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। श्रीनेत ने पूछा, “जब सांसद की आय में कोई उल्लेखनीय वृद्धि नहीं हुई, तो फिर उनकी कुल संपत्ति इतनी कैसे बढ़ गई?”



चुनावी हलफनामे के हवाले से कांग्रेस का दावा है कि दुबे की पत्नी के पास 28.94 करोड़ रुपये की चल संपत्ति और 6.48 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति दर्ज है। वहीं, दुबे ने अपने हलफनामे में 1.2 करोड़ रुपये के कर्ज का उल्लेख किया है। श्रीनेत ने कहा कि कथित कर्जदाता अभिषेक झा ने इस कर्ज से इनकार किया है, जिससे सांसद के हलफनामे पर और सवाल उठ गए हैं।

वहीं, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस के आरोपों को “राजनीतिक साजिश” बताया और पलटवार करते हुए राजीव गांधी पर भ्रष्टाचार से जुड़ा पुराना मामला उठाया। उन्होंने कहा, “कांग्रेस नेताओं को अपने अतीत पर नजर डालनी चाहिए, जो घोटालों से भरा पड़ा है।”