बिहार विधानसभा चुनाव में लगातार दूसरी बड़ी हार के बाद द प्लुरल्स पार्टी की संस्थापक पुष्पम प्रिया चौधरी ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। दरभंगा सीट से चुनाव लड़ने वाली पुष्पम ने आरोप लगाया कि व्यापक “वोट चोरी” और “साजिश” के जरिए उन्हें चुनाव हराया गया है।

सोशल मीडिया पर जारी एक बयान में उन्होंने कहा कि उनके गृह जिले दरभंगा में ईवीएम को लेकर लगातार शिकायतें सामने आ रही हैं। उन्होंने दावा किया कि स्थानीय मतदाता उनसे संपर्क कर अनियमितताओं की जानकारी दे रहे हैं। पुष्पम ने कहा, “मैं हर बूथ पर जाऊंगी और सच्चाई सामने लाऊंगी। इस बार ईवीएम की पोल खोलकर रहूंगी।”

“दरभंगा को चोरों से मुक्त करना होगा”

उन्होंने जिले के मतदाताओं से अपील की है कि वे बताएं कि किस बूथ या पंचायत में उन्हें वोट दिया गया था। इसके लिए उनकी टीम मतदाताओं को एक फॉर्म भेज रही है। पुष्पम का कहना है कि वह कानूनी और संवैधानिक सभी रास्तों का सहारा लेंगी, लेकिन आख़िरी न्याय जनता की अदालत ही करेगी।

उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि दरभंगा के किसी भी बूथ पर यदि पेपर बैलेट से मतदान कराया जाए और परिणाम ईवीएम के आंकड़ों के करीब भी आ जाए, तो वह राजनीति छोड़ देंगी।
पुष्पम का आरोप है कि ईवीएम में “वोट ट्रांसफर” की तकनीक के जरिए उनके परिवार और समर्थकों के वोट अन्य उम्मीदवारों को पहुंचा दिए गए।

चुनावी प्रक्रिया पर गंभीर सवाल

पुष्पम प्रिया ने यह भी दावा किया कि इस तकनीक के कारण अतीत में बिस्फी सीट पर भी चुनावी नतीजों को प्रभावित किया गया था। उनके अनुसार, 2020 में भी तटस्थ हिन्दू और मुस्लिम वोट कथित तौर पर भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में “स्थानांतरित” हो गए थे।
उन्होंने कहा, “इस बार तो मेरे घर में ही वोटों की डकैती हुई है। ईवीएम में गड़बड़ी की इस पूरी प्रक्रिया का पर्दाफाश मैं करूंगी।”

चुनाव में प्रदर्शन

दरभंगा विधानसभा सीट पर इस बार पुष्पम प्रिया चौधरी आठवें स्थान पर रहीं। उन्हें कुल 1,403 वोट मिले। सीट पर भाजपा प्रत्याशी संजय सरावगी ने जीत दर्ज की, जबकि वीआईपी पार्टी के उमेश सहनी दूसरे स्थान पर रहे।