राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के परिवार में जारी विवाद अब सियासी हलकों में भी चर्चा का विषय बन गया है। बेटी रोहिणी आचार्य द्वारा राजनीति और परिवार से दूरी बनाने की घोषणा के बाद विपक्षी दलों ने भी अपनी प्रतिक्रियाएं देनी शुरू कर दी हैं। भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड ने इस मामले को लेकर लालू परिवार पर सवाल उठाए हैं और रोहिणी के आरोपों को गंभीर बताया है।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा- परिवार को टूटने से बचाएं
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि टीवी चैनलों पर चल रही खबरें चिंताजनक हैं। उनके अनुसार, परिवार में तनाव किसी एक व्यक्ति के उकसावे का परिणाम प्रतीत होता है। जायसवाल ने कहा कि रोहिणी वही बेटी हैं जिन्होंने अपने पिता को किडनी देकर नई जिंदगी दी, ऐसे में उनके साथ दुर्व्यवहार की घटना दुखद है। उन्होंने लालू प्रसाद और राबड़ी देवी से अपील की कि वे हस्तक्षेप कर परिवार को दरकने से बचाएं।
जदयू ने लालू यादव की चुप्पी पर सवाल उठाए
जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि परिवार में लगातार महिलाओं के अपमान की घटनाएं सामने आ रही हैं। उन्होंने याद दिलाया कि पहले ऐश्वर्या राय का मामला उठा था और अब रोहिणी आचार्य सामने आई हैं। नीरज कुमार ने कहा कि रोहिणी वही बेटी हैं जिन्होंने अपने पिता की जान बचाई, ऐसे में उनका अपमान परंपरा और मूल्यों के विरुद्ध है। उन्होंने चेतावनी दी कि इन घटनाओं की राजनीतिक कीमत लालू यादव को चुकानी पड़ सकती है।
'सहानुभूति नहीं मिलेगी'- जदयू एमएलसी का तंज
वहीं, जदयू एमएलसी खालिद अनवर ने रोहिणी आचार्य पर तंज कसते हुए कहा कि अगर वे सिर्फ लालू यादव की बेटी होने के आधार पर राजनीति में आईं तो सार्वजनिक रूप से शिकायत करने से उन्हें सहानुभूति नहीं मिलेगी। उन्होंने पूछा कि सिंगापुर से लौटकर राजनीति में आने का निर्णय रोहिणी ने किस आधार पर लिया था।
लालू परिवार में मचे इस विवाद ने बिहार की राजनीति में नई सरगर्मी ला दी है। रोहिणी के आरोपों पर अभी तक लालू प्रसाद यादव या राबड़ी देवी की ओर से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।