बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के एग्जिट पोल के नतीजे सामने आने के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के खेमे में उत्साह का माहौल है। अधिकांश सर्वेक्षणों में एनडीए को स्पष्ट बहुमत के आसार जताए गए हैं, जबकि महागठबंधन को पीछे बताया गया है।
रुझान आने के साथ ही पटना से लेकर जिलों तक भाजपा और जदयू के कार्यालयों में जश्न का दौर शुरू हो गया। ढोल-नगाड़ों की थाप पर कार्यकर्ता झूमते नजर आए और भाजपा कार्यालयों में मिठाइयां बांटी गईं। पार्टी समर्थक “फिर एक बार नीतीश सरकार” के नारे लगाते हुए उल्लास व्यक्त करते दिखे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एग्जिट पोल के अनुमानों को जनता के भरोसे का प्रमाण बताया। उन्होंने कहा, “बिहार की जनता ने हमेशा विकास और स्थिरता को प्राथमिकता दी है। इन रुझानों से स्पष्ट है कि लोगों ने सुशासन और प्रगति की राह को फिर से चुना है।”
उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सम्राट चौधरी ने भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र और राज्य सरकार के बीच बना विकास का तालमेल जनता के निर्णय में साफ दिखाई दे रहा है।
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यह परिणाम संकेत दे रहे हैं कि मतदाताओं ने जातिवाद और नकारात्मक राजनीति को नकार दिया है।
वहीं, विपक्षी महागठबंधन ने एग्जिट पोल को सिरे से खारिज करते हुए दावा किया कि वास्तविक नतीजे इन अनुमानों को गलत साबित करेंगे। राजद प्रवक्ता ने कहा, “एग्जिट पोल हमेशा सत्तारूढ़ दलों के पक्ष में झुके रहते हैं। जनता ने इस बार बदलाव के लिए वोट किया है, जो परिणाम के दिन साफ नजर आएगा।”
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यदि एग्जिट पोल के अनुमान सच साबित होते हैं, तो नीतीश कुमार एक बार फिर सत्ता में वापसी कर सकते हैं। यह जीत न केवल बिहार में एनडीए की स्थिति को मजबूत करेगी, बल्कि 2029 के लोकसभा चुनावों की रणनीति पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है।