पटना। लंबे इंतजार के बाद पटनावासियों के लिए ऐतिहासिक दिन आज आया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार सुबह पौने 12 बजे पटना मेट्रो के पहले फेज का उद्घाटन किया। पाटलिपुत्र बस टर्मिनल डिपो के पास बने मेट्रो स्टेशन से मुख्यमंत्री ने भूतनाथ से न्यू आईएसबीटी तक परिचालन का शुभारंभ किया।
पटना मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (पीएमआरएल) ने परिचालन की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कॉरिडोर वन के तहत छह भूमिगत स्टेशनों और 9.35 किलोमीटर लंबी सुरंग की आधारशिला भी रखेंगे। मेट्रो के कोच को विशेष रूप से मधुबनी पेंटिंग से सजाया गया है, जिसमें गोलघर, महावीर मंदिर, नालंदा के खंडहर और महाबोधि वृक्ष जैसी बिहार की सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाया गया है।
हर 20 मिनट में चलेगी मेट्रो
प्रारंभिक परिचालन में मेट्रो की अधिकतम गति 40 किलोमीटर प्रति घंटे तय की गई है। आईएसबीटी से जीरो माइल तक किराया 15 रुपये और न्यू आईएसबीटी से भूतनाथ तक 30 रुपये होगा। मेट्रो सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक चलेगी और हर 20 मिनट पर उपलब्ध रहेगी। प्रतिदिन मेट्रो 40-42 फेरे लगाएगी। महिलाओं और दिव्यांगों के लिए हर ट्रेन में 12 सीटें आरक्षित रहेंगी।
सुरक्षा के मद्देनजर प्रत्येक कोच में 360-डिग्री सीसीटीवी कैमरे, पैनिक बटन और आपातकालीन माइक्रोफोन की सुविधा है। यात्रियों की सुरक्षा बिहार स्पेशल आर्म्ड पुलिस (बीएसएपी) के जवान संभालेंगे, जो प्लेटफार्म और प्रवेश द्वार सहित मेट्रो में तैनात रहेंगे।
भूमिगत मेट्रो के निर्माण का शिलान्यास
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बेली रोड पर मेट्रो के भूमिगत खंड का शिलान्यास भी किया। कॉरिडोर वन में पटना जंक्शन से मीठापुर तक 9.35 किमी लंबी सुरंग और छह भूमिगत स्टेशनों का निर्माण होगा, जिसकी कुल लागत 2,565.80 करोड़ रुपये है। फेज वन में पाटलिपुत्र एलिवेटेड स्टेशन और तीन भूमिगत स्टेशन शामिल हैं, जिसकी लागत 1,147.50 करोड़ रुपये है। फेज दो में विकास भवन, विद्युत भवन और पटना जंक्शन से मीठापुर तक सुरंग का निर्माण शामिल है, जिसकी लागत 1,148.3 करोड़ रुपये है।
पटना मेट्रो की कुल लागत 13,925.5 करोड़ रुपये है, जिसमें जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA), केंद्र और राज्य सरकार का योगदान शामिल है। रेड लाइन (16.86 किमी) और ब्लू लाइन (14.56 किमी) के कुल 24 स्टेशनों वाले मेट्रो का पहला चरण 2027 तक पूरे शहर में संचालित होने की संभावना है।