कटिहार। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को राजद और महागठबंधन पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि बिहार की राजनीति में लंबे समय से चर्चा में रहने वाला ‘माय समीकरण’ अब बदल गया है। पहले इसका अर्थ मुस्लिम-यादव हुआ करता था, लेकिन अब यह ‘मल्लाह-यादव’ बन गया है।

ओवैसी ने कहा कि राजद ने केवल तीन प्रतिशत आबादी वाले समुदाय से उपमुख्यमंत्री बनाने की घोषणा की, जबकि 17 प्रतिशत मुस्लिम आबादी को नज़रअंदाज कर दिया। उन्होंने सवाल उठाया कि जिस समुदाय ने वर्षों तक महागठबंधन का साथ दिया, आज उसी को दरकिनार कर दिया गया।

वे बुधवार को ठाकुरगंज विधानसभा क्षेत्र के पौआखाली, टेढ़ागाछ हाई स्कूल मैदान और पोठिया करबला मैदान में पार्टी उम्मीदवारों के समर्थन में जनसभाओं को संबोधित कर रहे थे।

ओवैसी ने कहा, “जब मैं प्रधानमंत्री मोदी से नहीं डरा तो कांग्रेस वालों की धमकियों से भी नहीं डरूंगा। लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल के दौरान मैंने बिल को प्रधानमंत्री के सामने फाड़ दिया था। सीएए और तीन तलाक के मुद्दे पर भी संसद में अकेले आवाज़ उठाई थी।”

उन्होंने कहा कि कुछ लोग उन्हें भाजपा की “बी टीम” कहते हैं, लेकिन ऐसे आरोपों से उन्हें फर्क नहीं पड़ता। “कई लोगों के पेट में दर्द है कि मैं हैदराबाद से सीमांचल क्यों आता हूं। क्या यहां आने के लिए कांग्रेस से इजाज़त लेनी होगी?” ओवैसी ने तंज कसा।

AIMIM प्रमुख ने महागठबंधन और एनडीए दोनों पर निशाना साधते हुए कहा कि सीमांचल के लोग आज भी गरीबी, बेरोजगारी और पलायन की मार झेल रहे हैं, जबकि सत्ताधारी दलों ने इस क्षेत्र के विकास की कभी गंभीर कोशिश नहीं की।

उन्होंने कहा, “सीमांचल किसी की जागीर नहीं है, यह भारत का हिस्सा है। नीतीश कुमार बीस साल से सत्ता में हैं — कभी भाजपा के साथ तो कभी राजद के साथ — लेकिन बिहार की हालत सुधरने के बजाय और बिगड़ी है।”

ओवैसी ने बिहार के सामाजिक-आर्थिक हालात पर चिंता जताई। उन्होंने कहा, “राज्य प्रति व्यक्ति आय में देश में 25वें स्थान पर है और शिशु मृत्यु दर के मामले में 27वें स्थान पर। शिक्षा का स्तर भी बेहद चिंताजनक है।”

सभा में पार्टी प्रत्याशी शम्स आगाज़, तौसीफ आलम, पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष तसीर, पूर्व मुखिया जमशेद और तकी सरवर सहित अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।