भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए 9 प्रमुख ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। महज 25 मिनट में 21 जगहों पर हमले किए गए, जिसमें 100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए। लेकिन पाकिस्तान अपनी पुरानी आदतों से बाज नहीं आया और एक बार फिर आतंक के प्रति अपने समर्थन को उजागर कर दिया।

आतंकियों के जनाजे में शामिल हुई पाकिस्तानी सेना

ऑपरेशन सिंदूर के बाद मारे गए आतंकवादियों के जनाजे में पाकिस्तानी सेना ने शिरकत की। लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालय मुरीदके में आयोजित जनाजे में सेना के अधिकारी सिर झुकाए खड़े दिखे। इस दौरान लश्कर के कमांडर अब्दुल रऊफ भी मौजूद था। पाकिस्तानी सेना का आतंकियों के प्रति यह रवैया उसकी असली मानसिकता को दर्शाता है।

भारत का पक्ष: आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं

ऑपरेशन सिंदूर पर विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी। मिस्त्री ने बताया कि पहलगाम हमले का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति को बिगाड़ना था। हमले में निर्दोष पर्यटकों को उनके परिवार के सामने नजदीक से गोली मारी गई थी।

कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया कि ऑपरेशन के तहत 9 आतंकी शिविरों को खुफिया जानकारी के आधार पर निशाना बनाया गया। ध्यान रखा गया कि किसी भी पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने को नुकसान न पहुंचे।
विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने कहा कि भारत किसी भी आक्रामक कदम का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है। ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के खिलाफ भारत के कड़े रुख का प्रतीक है।