बिहार के छपरा में शुक्रवार को चुनावी रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण से पंजाब की सियासत में हलचल मच गई। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर तीखा वार करते हुए उनका तीन साल पुराना बयान याद दिलाया। पीएम मोदी ने कहा कि चन्नी ने उस वक्त कहा था कि वे बिहार के लोगों को अपने राज्य में नहीं आने देंगे। उन्होंने यह भी जोड़ा कि उस समय मंच पर कांग्रेस नेतृत्व की एक महिला नेता मौजूद थीं, जो अब संसद में हैं, और उन्होंने इस बयान पर ताली बजाई थी।

प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि जिन लोगों ने इस तरह की टिप्पणी की, उन्हें कांग्रेस ने फिर से प्रचार में उतारा है। बिना नाम लिए पीएम मोदी ने चन्नी और प्रियंका गांधी दोनों पर कटाक्ष किया और कहा कि कांग्रेस की राजनीति हमेशा समाज को बांटने और नफरत फैलाने पर आधारित रही है, लेकिन अब देश की जनता इस सोच को भलीभांति पहचान चुकी है।

कांग्रेस की स्टार प्रचारक सूची में चन्नी का नाम
कांग्रेस ने बिहार विधानसभा चुनावों के लिए स्टार प्रचारकों की सूची जारी की है, जिसमें पंजाब से सिर्फ चरणजीत सिंह चन्नी का नाम शामिल है। लिस्ट में वे 16वें नंबर पर हैं। इसी को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस की आलोचना की।

पंजाब कांग्रेस का पलटवार
प्रधानमंत्री के बयान पर पंजाब कांग्रेस ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी। पार्टी प्रवक्ता और पूर्व मंत्री राजकुमार वेरका ने कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान कभी भी यूपी या बिहार के किसी व्यक्ति को पंजाब से नहीं निकाला गया। उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब 18,000 से अधिक पंजाबियों की जमीनें छीनी गईं, जबकि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के दौरान 3,000 से ज्यादा पंजाबियों की जमीनें अधिग्रहित की गईं। वेरका ने कहा कि इस मुद्दे पर अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल और अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ने भी आपत्ति जताई थी।

इस बयानबाजी से एक बार फिर बिहार और पंजाब की सियासत आमने-सामने आ गई है, जहां दोनों दल एक-दूसरे पर क्षेत्रीय और राजनीतिक भेदभाव के आरोप लगा रहे हैं।