कटिहार की राजनीति में बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। भारतीय जनता पार्टी की चुनाव अभियान समिति के सदस्य और विधान परिषद के वरिष्ठ नेता अशोक अग्रवाल के बेटे सौरभ अग्रवाल ने पार्टी छोड़ विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) का हाथ थाम लिया है। सौरभ अब महागठबंधन के प्रत्याशी के रूप में कटिहार सीट से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। उनके इस फैसले ने भाजपा खेमे में हलचल मचा दी है।

पिछले कुछ समय से अशोक अग्रवाल और पूर्व उपमुख्यमंत्री व कटिहार विधायक तारकिशोर प्रसाद के बीच मतभेद की चर्चाएं सियासी गलियारों में आम थीं। बताया जा रहा है कि नगर निगम से जुड़े कई विकास कार्यों में महापौर उषा अग्रवाल (सौरभ की मां) को बाधाओं का सामना करना पड़ा, जिससे परिवार में नाराजगी बढ़ी। अब सौरभ के भाजपा से अलग होकर विपक्षी मोर्चे में शामिल होने से कटिहार की सियासत में नया समीकरण बनता दिख रहा है।

पिता भाजपा में डटे, बेटा विपक्षी खेमें में
सौरभ अग्रवाल के कदम से जहां भाजपा में असहजता है, वहीं महागठबंधन खेमे में उत्साह देखा जा रहा है। राजनीतिक पर्यवेक्षक इसे “घर की सियासी जंग” करार दे रहे हैं — एक तरफ पिता भाजपा के रणनीतिकार और दूसरी तरफ बेटा विपक्षी उम्मीदवार।

इस बीच अशोक अग्रवाल ने कहा है कि वे भाजपा और एनडीए के प्रति पूरी तरह समर्पित हैं और गठबंधन को जीत दिलाने के अभियान में सक्रिय रहेंगे।

अब राजनीतिक सवाल यह है कि क्या भाजपा के मजबूत गढ़ कटिहार में यह “परिवारिक बगावत” पार्टी के लिए सिरदर्द बनेगी या सौरभ का यह दांव साबित होगा मास्टरस्ट्रोक?

उधर, बिहार विधानसभा चुनाव की नामांकन प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में पहुंच गई है, जबकि INDIA गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर असमंजस जारी है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) पहले ही गठबंधन से अलग हो चुका है, वहीं राजद और कांग्रेस के बीच कई सीटों को लेकर मतभेद बने हुए हैं।