नवादा: बिहार की राजनीति में एक बार फिर सियासी समीकरण बदलते नजर आ रहे हैं। महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे को लेकर असंतोष खुलकर सामने आने लगा है। वारिसलीगंज विधानसभा सीट इस खींचतान का केंद्र बन गई है, जहां राजद और कांग्रेस आमने-सामने आ खड़े हुए हैं।
राजद ने कुख्यात बाहुबली अशोक महतो की पत्नी कुमारी अनीता को वारिसलीगंज से उम्मीदवार बनाया है। शुक्रवार को तेजस्वी यादव ने उन्हें पार्टी का सिंबल सौंपकर समर्थन दिया। वहीं, कांग्रेस ने इसी सीट से सतीश कुमार उर्फ मंटन सिंह को मैदान में उतार दिया, जिससे महागठबंधन के भीतर ‘दोस्ताना मुकाबले’ की चर्चा तेज हो गई है। दोनों उम्मीदवार शनिवार को नामांकन दाखिल करेंगे।
राजद और कांग्रेस के इस आमने-सामने आने से गठबंधन की एकजुटता पर सवाल उठने लगे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह स्थिति महागठबंधन के अंदर बढ़ती फूट और असंतोष का संकेत है।
इधर, नवादा सदर, गोविंदपुर और रजौली सीटों पर भी टिकट वितरण को लेकर असमंजस बना हुआ है। राजद नेता कौशल यादव गोविंदपुर और नवादा सीटों पर अपने और अपनी पत्नी के लिए टिकट की मांग कर रहे हैं, जबकि गोविंदपुर के मौजूदा विधायक मो. कामरान अपनी उम्मीदवारी को लेकर अड़े हुए हैं।
रजौली सीट से मौजूदा विधायक प्रकाशवीर ने हाल ही में जदयू छोड़कर जन शक्ति जनता दल का दामन थाम लिया है और अब वे ब्लैकबोर्ड के सिंबल पर चुनावी मैदान में उतरेंगे। इस कदम ने महागठबंधन के भीतर नई राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है।
अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या यह अंदरूनी खींचतान महागठबंधन के वोट बैंक को नुकसान पहुंचाएगी या यह रणनीतिक चाल साबित होगी। नवादा के मतदाता अब इस ‘दोस्ताना मुकाबले’ का फैसला अपने वोट से तय करेंगे।