पटना। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महागठबंधन की ओर से तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित किए जाने पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि राजद अध्यक्ष लालू यादव ने अपने बेटे को मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी बनाने के लिए गठबंधन के अन्य सहयोगी दलों को मजबूर किया।
भाजपा मीडिया सेंटर में गुरुवार को आयोजित प्रेस वार्ता में सम्राट ने लालू यादव के 15 साल के शासनकाल यानी ‘जंगलराज’ का जिक्र करते हुए कहा कि बिहार की जनता को इस दौरान लूट, हत्या और भ्रष्टाचार का सामना करना पड़ा। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस और अन्य सहयोगी दलों ने भ्रष्टाचार के इतिहास वाले परिवार के पुत्र को मुख्यमंत्री बनाए जाने का समर्थन किया।
सम्राट ने जोर देते हुए कहा कि बिहार के लोगों और विकास के लिए ‘डबल इंजन’ वाली सरकार जरूरी है। उन्होंने दावा किया कि भ्रष्ट लोग सत्ता में बने रहने के लिए गुंडागर्दी का सहारा लेते हैं, लेकिन जनता 6 और 11 नवंबर को मतदान के माध्यम से महागठबंधन को करारा जवाब देगी।
जदयू ने तेजस्वी यादव से पूछे सवाल
दूसरी ओर, जदयू के प्रदेश प्रवक्ता नीरज कुमार और हिमराज राम ने प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से कई सवाल उठाए। उन्होंने महिला रोजगार योजना के तहत दिए जाने वाले आर्थिक सहायता पैकेज पर सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या यह राशि सही में किसी स्तर पर वापस नहीं की जाती?
नीरज कुमार ने यह भी कहा कि वर्ष 2011 में तेजस्वी यादव के पिता केंद्र की यूपीए सरकार के सहयोगी थे और उस समय बिहार की जीविका योजना ‘आजिविका’ के नाम से लागू की गई थी। उन्होंने सवाल उठाया कि महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण से आज तेजस्वी यादव को क्यों आपत्ति है, जबकि उस समय लालू प्रसाद चुप थे और उन्हें कोई कानूनी पाबंदी भी नहीं थी।
इस बयान के बाद बिहार की सियासी हलचल तेज हो गई है और आगामी चुनाव में महागठबंधन और भाजपा के बीच मुकाबला कड़ा होने की संभावना है।