गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को पटना में आयोजित प्रेस वार्ता में लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर उनके योगदान को नमन किया। उन्होंने कहा कि “अगर सरदार पटेल न होते, तो आज का अखंड भारत संभव नहीं था।”
शाह ने बताया कि 31 अक्टूबर को हर वर्ष सरदार पटेल की जयंती पर देशभर में ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ मनाया जाता है। 2014 से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर साल गुजरात के केवड़िया स्थित ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। गृह मंत्रालय ने अब यह निर्णय लिया है कि हर वर्ष 31 अक्टूबर को देशभर में एकता परेड का आयोजन अनिवार्य रूप से किया जाएगा, ठीक वैसे ही जैसे गणतंत्र दिवस पर परेड होती है।
यह परेड देश की एकता, अखंडता और पुलिस व सुरक्षा बलों के सम्मान को समर्पित होगी। अमित शाह ने कहा कि “यह आयोजन केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि देश के हर नागरिक में एकता की भावना जगाने का प्रतीक बनेगा।”
‘सरदार पटेल ने पाकिस्तान कॉरिडोर की साजिश को विफल किया’
गृह मंत्री ने कहा कि सरदार पटेल ने स्वतंत्र भारत के नक्शे को एकजुट करने के लिए 562 रियासतों का सफलतापूर्वक विलय कराया। उन्होंने बताया कि पटेल ने न केवल पाकिस्तान कॉरिडोर बनाने की मनसा को नाकाम किया, बल्कि देश की सीमाओं की सुरक्षा और एकता को स्थायी स्वरूप दिया।
शाह ने बताया कि इस वर्ष ‘रन फॉर यूनिटी’ का आयोजन देश के सभी जिलों, पुलिस थानों, स्कूलों और कॉलेजों में किया गया है। साथ ही, 1 नवंबर से 15 नवंबर तक ‘भारत पर्व’ का आयोजन एकता नगर में होगा, जिसका समापन भगवान बिरसा मुंडा जयंती पर किया जाएगा। इस समारोह में देशभर की जनजातियों के प्रतिनिधि भाग लेंगे।
कांग्रेस पर हमला — “41 साल तक भारत रत्न नहीं दिया गया”
अमित शाह ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि पार्टी ने सरदार पटेल जैसे महान नेता को भुलाने का काम किया। उन्होंने कहा, “सरदार पटेल को भारत रत्न देने में 41 साल की देरी की गई। न उनके लिए कोई समाधि बनी, न कोई राष्ट्रीय स्मारक।”
उन्होंने आगे कहा कि जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के निर्माण का संकल्प लिया गया। किसानों के दान से एकत्रित लोहे से बनी 182 मीटर ऊंची प्रतिमा आज न केवल विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति है, बल्कि देश का प्रमुख पर्यटन केंद्र भी बन चुकी है।
गृह मंत्री ने बताया कि इस वर्ष 31 अक्टूबर को प्रधानमंत्री मोदी एकता नगर में भव्य परेड की सलामी देंगे। इसमें सीआरपीएफ के पांच शौर्य चक्र विजेता, बीएसएफ के 16 वीरता पदक विजेता और महिला पुलिस अधिकारी परेड का नेतृत्व करेंगी।