राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) के प्रमुख और राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा आज पटना में एक बड़ी रैली करने जा रहे हैं। यह रैली दोपहर एक बजे मिलर हाई स्कूल मैदान में आयोजित होगी। पार्टी का कहना है कि यह आयोजन ऐतिहासिक साबित होगा। खास बात यह है कि आज पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती और बिहार के लेनिन कहे जाने वाले जगदेव प्रसाद की शहादत दिवस भी है। इसी अवसर पर राज्यस्तरीय संवैधानिक अधिकार परिसीमन सुधार महारैली का आयोजन किया गया है।

कुशवाहा ने कहा कि उनकी पार्टी केवल जनता के मुद्दों पर राजनीति करती है, शोरगुल मचाकर नहीं, बल्कि समस्याओं का समाधान खोजने पर केंद्रित रहती है। उन्होंने बताया कि रैली में परिसीमन को लेकर जनता को विस्तार से अवगत कराया जाएगा। परिसीमन का अर्थ है—जनगणना के आधार पर लोकसभा और विधानसभा क्षेत्रों की संख्या का निर्धारण।

कुशवाहा ने बताया कि आजादी के बाद 1951, 1961 और 1971 की जनगणना के आधार पर परिसीमन किया गया। 1951 में लोकसभा सीटें 494 थीं, जो 1961 में 522 और 1971 में 543 हो गईं। लेकिन 1976 में आपातकाल के दौरान संविधान में संशोधन कर परिसीमन की प्रक्रिया रोक दी गई, जो आज तक जारी है।

उनका कहना है कि इस ठहराव से बिहार समेत कुछ राज्यों को बड़ा नुकसान हुआ है। यदि 2011 की जनगणना के आधार पर परिसीमन होता, तो बिहार की लोकसभा सीटें 40 से बढ़कर कम से कम 60 हो सकती थीं, और विधानसभा सीटें भी उसी अनुपात में बढ़तीं। पिछले 50 वर्षों से प्रक्रिया के रुकने के कारण राज्य के लोगों को लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा है।