छत्तीसगढ़ के सुकमा ज़िले में सोमवार को नक्सलियों ने एक बार फिर कायराना हरकत करते हुए आईईडी ब्लास्ट को अंजाम दिया। इस विस्फोट में कोंटा डिवीजन के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) आकाश राव गिरीपुंजे शहीद हो गए, जबकि अन्य जवान घायल हुए हैं।
जानकारी के अनुसार, यह धमाका डोंडरा गांव के समीप हुआ, जब सुरक्षा बल इलाके में नक्सल बंद के मद्देनजर गश्त पर निकले थे। घायल एएसपी को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उपचार के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। अन्य घायलों का इलाज कोंटा अस्पताल में चल रहा है और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
नक्सल-विरोधी अभियान से घबराए उग्रवादी
राज्य में बीते कई महीनों से नक्सलियों के खिलाफ बड़े स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। कई जिलों को नक्सल प्रभाव से मुक्त किया जा चुका है। लगातार हो रही कार्रवाइयों से बौखलाए नक्सलियों ने अब सुरक्षा बलों को निशाना बनाना तेज कर दिया है।
उपमुख्यमंत्री ने जताया शोक
छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने एएसपी की शहादत पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, "आकाश राव गिरीपुंजे बहादुर अधिकारी थे, जिन्होंने सुकमा में डोंडरा के पास आईईडी विस्फोट में अपनी जान गंवाई। यह राज्य के लिए एक गहरी क्षति है। उन्हें कई वीरता पुरस्कार मिल चुके थे।"
पहले भी हो चुके हैं बड़े हमले
यह पहली बार नहीं है जब नक्सलियों ने आईईडी विस्फोट का सहारा लिया हो। 6 जनवरी 2025 को बीजापुर ज़िले में एक बड़े नक्सली हमले में 8 सुरक्षा जवानों और एक नागरिक चालक की जान गई थी। करीब 60 से 70 किलो विस्फोटक का उपयोग कर यह हमला किया गया था, जो पिछले दो वर्षों में सबसे बड़ा था।
मार्च 2026 तक नक्सलवाद समाप्त करने का लक्ष्य
राज्य सरकार ने मार्च 2026 तक नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने का लक्ष्य रखा है। हाल के हमले इस बात की ओर इशारा करते हैं कि नक्सली लगातार कमजोर हो रहे हैं और बौखलाहट में सुरक्षाबलों को निशाना बना रहे हैं। फिलहाल पूरे क्षेत्र में तलाशी अभियान तेज़ कर दिया गया है और सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर हैं।