नई दिल्ली। दिल्ली-NCR में बुधवार सुबह प्रदूषण का संकट गंभीर रूप ले चुका है। धुंध, धुआँ और ठंडी हवा के स्थिर रहने से पूरे क्षेत्र की हवा बेहद जहरीली हो गई है। सुबह से ही लोगों ने आंखों में जलन, गले में खराश और सीने में भारीपन जैसी शिकायतें दर्ज कराई। हवा में घुला PM2.5 कण सामान्य मानकों से कई गुना ऊपर पहुँच गया है और स्थिति लगातार बिगड़ रही है।
कहां सबसे ज्यादा खतरनाक हवा?
बुधवार सुबह जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, राजधानी और एनसीआर के कई इलाकों का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘सीवियर’ श्रेणी में पहुँच गया। वजीरपुर, नॉलेज पार्क-5 (ग्रेटर नोएडा) और बवाना में AQI 530 से 578 के बीच दर्ज किया गया, जो गंभीर स्वास्थ्य जोखिम वाले स्तर के अंतर्गत आता है। DTU दिल्ली और जहांगीरपुरी जैसे इलाके भी 500 के आसपास के AQI पर बने हुए हैं।
अन्य प्रभावित इलाकों में चांदनी चौक, रोहिणी, पंजाबी बाग, अलीपुर और वसुंधरा शामिल हैं, जहाँ AQI 487 से 500 के बीच है। विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसी परिस्थितियों में सांस लेना भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है
पिछले दिन केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने मंगलवार शाम को जारी बुलेटिन में दिल्ली की औसत वायु गुणवत्ता ‘वेरी पुअर’ श्रेणी में दर्ज की थी, जबकि NCR के ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद ‘सीवियर’ स्तर पर पहुँच चुके थे। नोएडा, बागपत, हापुड़ और मेरठ भी बहुत खराब श्रेणी में थे। मौसम की स्थिरता के कारण बुधवार सुबह स्थिति और ज्यादा गंभीर हो गई।
प्रदर्शन और चेतावनी
बढ़ते प्रदूषण को लेकर दिल्ली में हाल के दिनों में विरोध प्रदर्शन भी तेज हुए हैं। सामाजिक संगठनों, छात्र समूहों और स्थानीय निवासियों ने मार्च निकालकर सरकार और संबंधित एजेंसियों से तात्कालिक कार्रवाई की मांग की। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि लगातार ‘वेरी पुअर’ और ‘सीवियर’ स्तर बन रहे हैं, लेकिन जमीन पर प्रभावी कदम दिखाई नहीं दे रहे। उन्होंने औद्योगिक उत्सर्जन पर नियंत्रण, निर्माण गतिविधियों में कड़ाई और सख्त एंटी-पॉल्यूशन एक्शन लागू करने की तत्काल आवश्यकता जताई।