दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए कार बम धमाके मामले में स्पेशल एनआईए कोर्ट ने दो मुख्य आरोपियों आमिर राशिद अली और जसीर बिलाल वानी उर्फ दानिश को अब 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। यह आदेश एनआईए की हिरासत अवधि पूरी होने के बाद पटियाला हाउस कोर्ट में सुनाया गया।
इसी बीच, इस मामले में गिरफ्तार एक अन्य आरोपी नसीर मल्ला को सात दिन की एनआईए रिमांड पर भेजा गया है। अदालत में पेशी के दौरान सुनवाई के बाद आरोपी को एनआईए मुख्यालय में आगे की पूछताछ के लिए रिमांड पर रखा गया है। नसीर मल्ला से पूछताछ के दौरान अन्य संदिग्ध आरोपियों के तार भी उजागर हो सकते हैं।
घटना को एक महीना, जांच अभी अधूरी
राजधानी में लाल किले के पास हुए इस धमाके में 15 लोगों की मौत और 20 से अधिक घायल हुए थे। शुरुआती जांच दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के पास थी, लेकिन 18 नवंबर को गृह मंत्रालय ने यह मामला एनआईए को सौंप दिया। अब तक एनआईए ने सात प्रमुख आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें कथित मास्टरमाइंड और विस्फोटक जुटाने वाले लोग शामिल हैं।
पटियाला हाउस कोर्ट में फिलहाल सिर्फ रिमांड बढ़ाने और जमानत याचिकाओं की सुनवाई हो रही है। मुख्य चार्जशीट दाखिल करने की प्रक्रिया अभी शुरू नहीं हुई है। अंतरराष्ट्रीय लिंक और तकनीकी साक्ष्यों की जटिलता के कारण जांच में अधिक समय लग रहा है।
पीड़ित परिवारों में निराशा बढ़ी
परिवारजन और वकीलों का कहना है कि चार्जशीट दाखिल होने में देरी से पीड़ितों में असंतोष और निराशा बढ़ रही है। मृतक परिवारों का आरोप है कि अब तक न्याय की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही। एनआईए के अनुसार, धमाके में इस्तेमाल वाहन (हुंडई आई20) को अमोनियम नाइट्रेट से लैस किया गया था। मुख्य संदिग्ध, पुलवामा निवासी डॉ. उमर उन-नबी, आत्मघाती हमलावर था। जांच में विदेशी हैंडलर्स और कश्मीर व फरीदाबाद के डॉक्टरों व धार्मिक व्यक्तियों के नेटवर्क के लिंक भी सामने आए हैं।