दिल्ली की हवा एक बार फिर गंभीर रूप से प्रदूषित हो गई है। शुक्रवार सुबह राजधानी घने स्मॉग और हल्के कोहरे की परत में लिपटी नजर आई, जिससे दृश्यता काफी कम रही। प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण लोग सुबह-सुबह मास्क लगाकर बाहर निकले, जबकि श्वास संबंधी रोगियों को अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

पिछले दो दिनों तक 'खराब' श्रेणी में रहने के बाद, हवा की गति धीमी होने से प्रदूषकों का स्तर तेजी से बढ़ा है। गुरुवार को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 300 के पार पहुंच गया था। एयर क्वालिटी अर्ली वार्निंग सिस्टम ने शुक्रवार सुबह औसत AQI 326 दर्ज किया।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा सुबह 7 बजे जारी रिपोर्ट के अनुसार, कई क्षेत्रों में प्रदूषण खतरे के स्तर के करीब पहुंच गया। अलीपुर में AQI 347, आनंद विहार में 386, अशोक विहार में 374, बवाना में 365, बुराड़ी में 350 और चांदनी चौक में 362 रिकॉर्ड किया गया। वहीं, आईटीओ 354, जहांगीरपुरी 401, विवेक विहार और रोहिणी 384, वजीरपुर 382 और द्वारका सेक्टर 8 में AQI 335 रहा। कुछ इलाकों जैसे आया नगर और नजफगढ़ में स्तर अपेक्षाकृत कम रहा, लेकिन फिर भी हवा अस्वस्थ श्रेणी में दर्ज की गई।

पूर्वानुमान के अनुसार, शनिवार तक प्रदूषण में कमी की उम्मीद नहीं है और हवा ‘बेहद खराब’ श्रेणी में बनी रह सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस दौरान सांस के रोगियों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि प्रदूषण आंखों में जलन और सांस लेने में परेशानी बढ़ा सकता है। शहर के कई हिस्सों में प्रदूषण ‘गंभीर’ और ‘बेहद खराब’ स्तर पर पहुंच चुका है, जिससे नागरिकों की चिंताएं बढ़ गई हैं।