दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल गुरुवार को मुख्य चुनाव आयुक्त से मिले और चिठ्ठी सौंपी। चिट्ठी में उन्होंने नई दिल्ली विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार प्रवेश वर्मा के घर पर तुरंत रेड करने की बात कही है।
केजरीवाल ने पत्र में आरोप लगाया है कि प्रवेश वर्मा महिलाओं को खुले में 1100 रुपये बांट रहे हैं। वो सरासर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं। प्रवेश वर्मा नौकरियों का झांसा देकर वोट मांग रहे हैं। इसके अलावा डीईओ को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड और ट्रांसफर किया जाए।
यूपी-बिहार से लाकर बनाए जा रहे फर्जी वोटर
चुनाव आयुक्त से मिलकर बाहर आने पर प्रेस से बात करते हुए केजरीवाल ने कहा कि प्रवेश वर्मा जॉब कार्ड बनवा रहे हैं। यूपी-बिहार से लोगों को लाकर फर्जी वोटर बनवाए जा रहे हैं। नई दिल्ली विधानसभा सीट पर 13 हजार नए वोटर कैसे बने, बहुत बड़े पैमाने पर घोटाला हो रहा है। प्रवेश वर्मा को चुनाव लड़ने से रोका जाना चाहिए।
आप ने मुझे देशद्रोही कहा, जाटों का अपमान किया
वहीं प्रवेश वर्मा ने आम आदमी पार्टी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि इन्होंने मुझे देशद्रोही कहा और जाटों का अपमान किया। दिल्ली में पहली बार जाट मुख्यमंत्री पूजनीय डॉ. साहिब सिंह जी को भाजपा ने ही बनाया था। मुझे देशद्रोही कहा, देशभक्त जाटों का अपमान किया और अब जब नई दिल्ली की सीट खिसकती दिखी, तो जाट आरक्षण का 'नाटक' करने लगे। अरविंद केजरीवाल जी, जाट समाज आपकी सियासी चालों को बखूबी समझ चुका है। अब नई दिल्ली की सीट छोड़कर भाग मत जाना। इस बार जाट के हत्थे चढ़ गए हो, पूरी नई दिल्ली की 36 बिरादरी आपकी जमानत जब्त कराने के लिए तैयार है। और हां, हर बार जाटों को आरक्षण भाजपा ने ही दिया। इतिहास के पन्ने उठा कर देख लो।
केजरीवाल ने पीएम मोदी को लिखा खत
अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के जाट समुदाय को केंद्र की ओबीसी सूची में शामिल करने के लिए पीएम मोदी को पत्र लिखा। केजरीवाल ने लिखा कि केंद्र सरकार पिछले 10 सालों से लगातार जाट समाज के साथ धोखा कर रही है। केंद्र सरकार की वादाखिलाफी की वजह से दिल्ली के ओबीसी समाज के हजारों युवाओं के साथ अन्याय हो रहा है।
'ये हमारे दिल्ली के जाट भाई-बहनों के साथ बहुत बड़ा अन्याय'
अरविंद केजरीवाल ने कहा, "दिल्ली सरकार की ओबीसी लिस्ट में जाट समाज का नाम आता है लेकिन केंद्र सरकार की लिस्ट में दिल्ली का जाट समाज नहीं आता है। ये हमारे दिल्ली के जाट भाई-बहनों के साथ बहुत बड़ा अन्याय है। पिछले 10 सालों में 4 बार इन्होंने दिल्ली के जाट समाज को आरक्षण देने का केवल वादा किया है। दिल्ली में दिल्ली के जाटों को आरक्षण नहीं मिलता मगर बाहर वालों को मिलता है।'
अमित शाह कर चुके मीटिंग
केजरीवाल ने आगे लिखा, 'फिर 8 फरवरी 2017 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यूपी चुनाव से पहले चौधरी बीरेंद्र सिंह के घर पर दिल्ली और देश के जाट नेताओं की मीटिंग बुलाई और उनसे वादा किया कि स्टेट लिस्ट में जो ओबीसी जातियां हैं उनको केंद्र की लिस्ट में जोड़ा जाएगा। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली में फिर भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा के आवास पर अमित शाह जाट नेताओं से मिले और उन्होंने फिर वादा किया कि दिल्ली के जाट समाज को केंद्र की ओबीसी लिस्ट में शामिल किया जाएगा लेकिन चुनाव के बाद इस पर कोई काम नहीं हुआ।'
ये जाट समाज के साथ धोखा है
केजरीवाल ने लिखा, 'ओबीसी आरक्षण को लेकर केंद्र की नीतियों में कई विसंगतियां हैं जिनकी तरफ मैं आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं। जैसे कि मुझे पता चला कि केंद्र की ओबीसी लिस्ट में होने की वजह से राजस्थान से आने वाले जाट समाज के युवाओं को दिल्ली यूनिवर्सिटी में ओबीसी आरक्षण का लाभ मिलता है, लेकिन दूसरी तरफ दिल्ली के ही जाट समाज को दिल्ली यूनिवर्सिटी में ओबीसी आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है क्योंकि आपकी सरकार ने दिल्ली में जाट समाज को ओबीसी आरक्षण होने के बावजूद उन्हें केंद्रीय ओबीसी लिस्ट में शामिल नहीं किया है। ये तो दिल्ली के जाट समाज के साथ धोखा है। और भाजपा की केंद्र सरकार पिछले 10 सालों से लगातार ये धोखा कर रही है। सिर्फ जाट समाज ही नहीं रावत, रौनियार, राय तंवर, चारण व ओड, इन सभी जातियों को दिल्ली सरकार ने ओबीसी दर्जा दिया हुआ है, लेकिन केंद्र सरकार इन जातियों को दिल्ली में मौजूद अपने संस्थानों में ओबीसी आरक्षण का लाभ नहीं दे रही है।'
केंद्र की सभी संस्थाओं में मिले लाभ
उन्होंने आगे लिखा, 'दिल्ली में केंद्र सरकार की सात यूनिवर्सिटी हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी के दर्जनों कॉलेज हैं। दिल्ली पुलिस, एनडीएमसी, डीडीए, एम्स, सफदरजंग, राम मनोहर लोहिया जैसे केंद्र सरकार के कई संस्थानों में नौकरियां हैं जिनमें केंद्र सरकार के नियम लागू होते हैं। ऐसे में केंद्र सरकार की इस वादाखिलाफी की वजह से दिल्ली के ओबीसी समाज के हजारों युवाओं के साथ अन्याय हो रहा है। दिल्ली में जाट समाज व ओबीसी की 5 अन्य जातियों के साथ केंद्र सरकार का ये पक्षपातपूर्ण रवैया इन जातियों के युवाओं को शिक्षा और रोजगार के उचित अवसर हासिल नहीं होने दे रहा है। इसलिए केंद्र सरकार को तुरंत केंद्रीय ओबीसी सूची की विसंगतियों में सुधार कर दिल्ली में ओबीसी दर्जा प्राप्त सभी जातियों को केंद्र सरकार के संस्थानों में भी आरक्षण का लाभ देना चाहिये।