नई दिल्ली। उन्नाव दुष्कर्म मामले की पीड़िता बुधवार शाम महिला अधिकार कार्यकर्ता योगिता भयाना के साथ कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ पहुंचीं। पीड़िता ने कहा कि वह अपनी पीड़ा और मौजूदा हालात से अवगत कराने के लिए उनसे मिलना चाहती थीं।

पीड़िता ने कहा कि वह प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री और राष्ट्रपति से भी मिलकर अपनी बात रखना चाहती हैं। उनका कहना है कि उन्हें अब भी न्याय की तलाश है और वह अपने साथ हुई घटनाओं को देश के शीर्ष नेतृत्व के सामने रखना चाहती हैं।

गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को वर्ष 2017 के उन्नाव दुष्कर्म मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की सजा को अपील लंबित रहने तक निलंबित कर दिया था। अदालत ने सख्त शर्तों के साथ उन्हें जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है, जिसमें दिल्ली में ही रहने जैसी शर्तें शामिल हैं।

इस फैसले के बाद पीड़िता ने मंगलवार देर शाम अपनी मां और महिला कार्यकर्ता योगिता भयाना के साथ इंडिया गेट पर विरोध प्रदर्शन किया था। उन्होंने अदालत के फैसले पर नाराजगी जताते हुए कहा कि यह उनके लिए बेहद निराशाजनक है। पीड़िता ने दावा किया कि इस निर्णय से उन्हें गहरा आघात पहुंचा और उन्होंने न्याय न मिलने की बात कही। कुछ देर बाद दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे लोगों को वहां से हटा दिया।

पीड़िता ने यह भी कहा कि वह इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगी। उनका आरोप है कि चुनावी माहौल के चलते आरोपी को राहत मिली है।

परिवार ने जताई सुरक्षा को लेकर चिंता

पीड़िता की बहन ने भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ आवाज उठाने पर उनके परिवार को लगातार निशाना बनाया गया। उन्होंने दावा किया कि परिवार के सदस्यों को धमकियां मिल रही हैं और अब सुरक्षा को लेकर डर का माहौल बना हुआ है।

परिजनों का कहना है कि आरोपी अभी जेल से बाहर भी नहीं आए हैं, इसके बावजूद उनके समर्थकों की ओर से धमकियां दी जा रही हैं। परिवार ने प्रशासन से सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।